पश्चिम बंगाल में वृक्ष मेंढक (Treefrog) की 26वीं प्रजाति की खोज

Researchers discover new frog species in West Bengal
प्रश्न-कथन (A)-उभयचर (Amphibians) में बाह्य निषेचन होता है।
कारण (R)-उभचर प्राणी जल एवं स्थल दोनों स्थान पर अपना जीवन व्यतीत करता है, परंतु निषेचन हेतु जल आवश्यक है।
कथन (A) एवं कारण (R) के आधार पर निम्न विकल्प का उत्तर दें।
(a) कथन (A) एवं कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) कथन (A) एवं कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।
(d) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
  • पश्चिम बंगाल के बदू, 24 परगना जिला एवं खोरदानाल, दक्षिण 24 परगना जिला में वृक्ष मेंढक (Tree frog) के वंश Polypadates की 26वीं प्रजाति की खोज शोधकर्ताओं द्वारा की गई है।
  • मेंढक की इस नई प्रजाति का नाम Polypadates bengalansis नाम दिया गया है जिसे अंतरराष्ट्रीय पत्रिका zootaxa द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।
  • वृक्ष मेंढक Polypadates वंश की प्रजातियां पूरे दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशिया में पाई जाती हैं।
  • इस वंश के मेंढक के शरीर पर आमतौर पर धारियां होती हैं लेकिन अभी हाल में खोजी गई प्रजाति Polypadtes bengalensis के शरीर पर 6-9 तक गहरे भूरे रंग के धब्बों की एक निरंतर शृंखला पायी जाती है, जो आंख से पीछे की ओर वेंट (गुदा) तक फैली रहती है। इसीलिए इस मेंढक को Brown Blotled Tree Frog भी कहा जाता है।
  • मेंढक की इस प्रजाति की खोज इस बात को इंगित करती है कि गैर संरक्षित क्षेत्र में कैसे यह सुभेद्य प्रजाति अपना अस्तित्व बनाए रखने में सक्षम है। हमें इनके आवास की संरक्षा करने चाहिए जिससे कि जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके।
  • मेंढक उभचयर वर्ग का प्राणी है जो जल तथा स्थल दोनों स्थान पर अपना जीवन व्यतीत करता है। यह एक शीत रक्ती प्राणी (Cold Blooded Animal) है अर्थात इनके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। उभचयर वर्ग के प्राणियों में बाह्य निषेचन होता है जिसके लिए जल आवश्यक है।

लेखक-रामकरन चौरसिया

संबंधित लिंक भी देखें…

https://indianexpress.com/article/india/researchers-discover-new-frog-species-in-bengal-6102971/

https://www.thehindu.com/sci-tech/science/visibly-elusive-bengal-tree-frog-gets-recorded-as-new-species/article29877245.ece