पर्यटन मंत्रालय द्वारा तीर्थंकर सर्किटों की पहचान

identify tirthankar circuit by tourism ministry
प्रश्न-पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पहचान किए गए तीर्थंकर सर्किटों में बिहार का कौन-सा स्थान शामिल नहीं हैं-
(a) वैशाली
(b) पावापुरी
(c) आरा
(d) जहानाबाद
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • 22 जुलाई, 2019 को पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा लोक सभा में स्पष्ट किया गया है कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा तीर्थंकर सर्किटों की पहचान की गई है।
  • स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 15 विषयगत सर्किटों में जैन धर्म से जुड़े सभी स्थल भी इस सर्किट में आते हैं।
  • देश के विकास के लिए इससे जुड़ी परियोजनाओं को राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के परामर्श से पहचाना जाता है।
  • योजना के दिशा-निर्देशों का पालन करने, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, धन की उपलब्धता और पहले से जारी किए गए धन के उपयोग के अधीन परियोजनाओं को अनुमोदित किया जाता है।
  • उपर्युक्त मानदंडों के आधार पर बिहार में, वैशाली-आरा-मसद-पटना-राजगीर-पावापुरी-चंपापुरी तीर्थंकर सर्किट के विकास के लिए वर्ष 2016-17 में 52.39 करोड़ रुपये जारी किए गए।
  • वर्तमान में चल रही इस परियोजना के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा 26.19 करोड़ रुपये जारी किया गया।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थंकर सर्किट के तहत कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया है, किंतु हेरिटेज सर्किट के अंतर्गत क्रांतिपथ झांसी-ललितपुर के विकास का प्रस्ताव सरकार द्वारा लाया गया है।
  • स्वदेश दर्शन योजना
  • जनवरी, 2015 में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पर्यटक सर्किटों के एकीकृत विकास के लिए ‘स्वदेश दर्शन योजना’ प्रारंभ किया गया।
  • इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है-
  • पर्यटक सर्किटों में विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना का विकास।
  • भारत को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक ब्रांड के रूप में उभारना।
  • पर्यटन को आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के साथ जोड़ना।

संबंधित लिंक भी देखें…

http://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192070

http://tourism.gov.in/sites/default/files/SQ%20416%20for%2022072019.pdf