पराली जलाने से भारत को 35 बिलियन डॉलर का नुकसान

प्रश्न-निम्न कथनों पर विचार करें:
(1) भारत में फसल अवशेषों को जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण के कारण प्रति वर्ष 35 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है।
(2) फसल अवशेषों को जलाने से उत्पन्न प्रदूषण विशेष रूप से बच्चों में तीव्र श्वसन संक्रमण का एक प्रमुख कारक है।
(3) फसल निपटान प्रथाओं में सुधार के लिए सरकारी पहल निवेश योग्य है।
उपर्युक्त कथनों के आधार पर निम्न में से कौन सा/से सत्य हैंः-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) सभी 1,2,3
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 4 मार्च, 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में फसल अवशेषों को जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण के कारण प्रतिवर्ष 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का अनुमानित आर्थिक नुकसान होता है।
  • उल्लेखनीय है कि यह रिपोर्ट संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन डी.सी. स्थित अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) के शोधकर्ताओं द्वारा जारी की गयी है।
  • इस अध्ययन के अनुसार, उत्पन्न प्रदूषण विशेष रूप से बच्चों में तीव्र श्वसन संक्रमण का एक प्रमुख कारक है।
  • अध्ययन में 2,50,000 व्यक्तियों के स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।
  • अध्ययन के निष्कर्ष के तौर पर बताया गया है कि फसल निपटान प्रथाओं में सुधार के लिए लक्षित सरकारी पहल निवेश योग्य है।
  • उल्लेखनीय है कि वायु की खराब गुणवत्ता विश्वभर में स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है।
  • इस अध्ययन के जरिए पहली बार उत्तर भारत में पराली जलाने से स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नुकसान की चर्चा की गयी है।

लेखक-राजन शुक्ला

संबंधित लिंक भी देखें…

http://www.ifpri.org/news-release/new-study-air-pollution-indias-stubble-burning-leads-usd-35-billion-economic-losses