दो डायग्नोस्टिक किट

प्रश्न-15 अक्टूबर, 2019 को पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी और डीएआरई सचिव एवं महानिदेशक डॉ.टी. महापात्रा ने कृषि भवन में दो डायग्नोस्टिक किट ब्लूसेटॉन्ग सैंडविच एलिसा (एस एलिसा) और जापानी इंसेफेलाइटिस एलजीएम एलिसा किट जारी किया। ब्लूसेटॉन्ग सैंडविच एलिसा (एस एलिसा) किट के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) ब्लूसेटॉन्ग सैंडविच एलिसा (एस एलिसा) किट खुरपका बीमारी के एंटीजन का पता लगाने में सहायक है।
(b) यह किट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर द्वारा विकसित है।
(c) ब्लूटॉन्ग वायरस घरेलू और वन्यजीवों का एक कीट-संक्रमित वायरल रोग है, जिसमें कैमालिड प्रजातियां शामिल हैं।
(d) यह बीमारी मुख्य रूप से देश में भेड़, बकरियों, मवेशियों, भैसों और ऊंटों में व्यापक रूप से पाई जाती है।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
  • 15 अक्टूबर, 2019 को पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी और डीएआरई सचिव एवं महानिदेशक डॉ. टी. महापात्रा ने कृषि भवन में दो डायग्नोस्टिक किट जारी किए।
  • यह दो किटे ब्लूसेटॉन्ग सैंडविच एलिसा (एस एलिसा) और जापानी इंसेफेलाइटिस एलजीएम एलिसा किट हैं।
  • यह दोनों किट मेक इन इंडिया पहल के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर द्वारा विकसित की गई है।
  • ब्लूसेटॉन्ग सैंडविच एलिसा (एस एलिसा) किट स्वाइन के नियंत्रण और एंटीजन का पता लगाने में सहायक है।
  • ब्लूटॉन्ग (बीटी) वायरस घरेलू और वन्यजीवों का एक कीट-संक्रमित वायरल रोग है, जिसमें कैमलिड प्रजातियां शामिल हैं।
  • यह बीमारी मुख्य रूप से देश में भेड़-बकरियों, मवेशियों, भैसों और ऊंटों में व्यापक रूप से पायी जाती है।
  • इस किट की सहायता से ब्लूटॉन्ग वायरस को अच्छी प्रबंधन प्रथाओं के साथ अतिसंवेदनशील जानवरों, वेक्टर नियंत्रण और संक्रमित जानवरों का टीकाकरण करके नियंत्रित किया जा सकता है।
  • जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) एलजीएम एलिसा किट के माध्यम से स्वाइन में जेई वायरस के सक्रिय संक्रमण का आकलन किया जा सकता है।
  • यह मनुष्यों में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के प्रकोप का पता लगाया जा सकता है।
  • यह किट किसानों के लिए बाजार में उपलब्ध वाणिज्यिक किट (बाजार मूल्य 52000 रुपये) की तुलना में न्यूनतम मूल्य 5000 रुपये में उपलब्ध है।
  • प्रत्येक किट से लगभग 45 नमूनों के परीक्षण किए जा सकते हैं।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1588210

https://icar.org.in/content/release-diagnostics-kits-developed-icar-ivri