प्रश्न-हाल ही में आई.आई. टी खड़गपुर के स्नातक देवयान साहा, निम्नलिखित में किस पर नियंत्रण करने वाले उपकरण के निर्माण के कारण चर्चा में रहे?
(a) वाहनों के उत्सर्जकों से उत्पन्न प्रदूषण
(b) रेफ्रीजरेटरों से उत्पन्न सी.एफ.सी. के प्रदूषण
(c) रेल इंजन से उत्पन्न प्रदूषण
(d) कारखानों द्वारा होने वाला प्रदूषण
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) वाहनों के उत्सर्जकों से उत्पन्न प्रदूषण
(b) रेफ्रीजरेटरों से उत्पन्न सी.एफ.सी. के प्रदूषण
(c) रेल इंजन से उत्पन्न प्रदूषण
(d) कारखानों द्वारा होने वाला प्रदूषण
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- अक्टूबर, 2019 में प्रकाशित कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आई.आई.टी. खड़गपुर के देवयान साहा ने एक ऐसे उपकरण का निर्माण किया है, जो वाहनों के उत्सर्जन से उत्पन्न प्रदूषण को कम कर सकता है।
- देवयान द्वारा इस उपकरण का नाम PM-2.5 रखा गया है।
- उनके अनुसार, जब इस उपकरण को किसी वाहन (कार आदि) के साइलेंसर पाइप के पास लगाया जाता है, तो वह वाहन से उत्पन्न प्रदूषण को नियंत्रित कर सकता है।
- देवयान साहा आई.आई.टी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के स्नातक हैं।
- इनके अनुसार, यदि इस उपकरण को किसी एक कार में लगा दिया जाए तो यह आस-पास स्थित 10 कारों से उत्पन्न प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकता है।
- एम्स (AIIMS) में रिसर्च फेलो रह चुके देवयान ने वायु प्रदूषण पर कार्य किया है।
- P.M. 2.5 उपकरण में प्रयुक्त की गई तकनीक विद्युत-ऊर्जा तथा तरंग उुर्जा का सम्मिलित रूप है, जो P.M.-2.5 स्तर के प्रदूषकों को प्रभावित करती है।
- इस तकनीक में P.M.-2.5 स्तर के प्रदूषक कण विद्युत एवं तरंग ऊर्जा के प्रभाव से चुंबक की तरह व्यवहार करते हैं और अन्य प्रदूषक कणों को आकर्षित करने लगते हैं।
- इस प्रकार आस-पास के वातावरण से प्रदूषक कणों को अपने से चिपकाने के कारण जब P.M.-2.5 ग्रेड के कण भारी और बड़े हो जाते हैं, तो ये सुरक्षित, जमीन पर गिर जाते हैं।
लेखक-राजेश त्रिपाठी
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