प्रश्न-वर्ष 2018 के दौरान भारत की कच्चे तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात पर निर्भरता कितनी रही?
(a) 82.59 प्रतिशत और 45.89 प्रतिशत
(b) 80.21 प्रतिशत और 42.79 प्रतिशत
(c) 79.85 प्रतिशत और 41.73 प्रतिशत
(d) 78.89 प्रतिशत और 41.89 प्रतिशत
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) 82.59 प्रतिशत और 45.89 प्रतिशत
(b) 80.21 प्रतिशत और 42.79 प्रतिशत
(c) 79.85 प्रतिशत और 41.73 प्रतिशत
(d) 78.89 प्रतिशत और 41.89 प्रतिशत
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 21 मई, 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के तेल और गैस उपक्रमों के बीच तालमेल बनाने के लिए कार्य योजना तैयार करने से संबंधित मुद्दों की जांच करने, कर मामलों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के तेल और गैस उपक्रमों द्वारा वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से लाभ प्राप्त करने के तरीकों के संबंध में सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को सौंपी।
- इस समिति में प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अनिल काकोदकर और वित्तीय एवं कर मामलों के विशेषज्ञ सिद्धार्थ प्रधान शामिल थे।
- समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र के तेल एवं गैस उपक्रमों और संयुक्त उद्यमों के विलय, अधिग्रहण एवं एकीकरण, तेल सेवा प्रदाता नई कंपनी के गठन और विश्वभर में तेल तथा गैस क्षेत्र के लिए सक्षम मानवशक्ति उपलब्ध कराने की आवश्यकता एवं संभावना का पता लगाया।
- भारत में ऊर्जा सुरक्षा एक प्रमुख रणनीतिक प्राथमिकताओं में से एक है।
- वर्ष 2018 के दौरान भारत ने 204.92 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) पेट्रोलियम उत्पादों और 58.64 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) प्राकृतिक गैस का उपभोग किया।
- यद्यपि इस दौरान कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का घरेलू उत्पादन लगभग स्थिर रहा।
- इस दौरान कच्चे तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात पर निर्भरता क्रमशः 82.59 प्रतिशत और 45.89 प्रतिशत रही, जिसमें आगामी दिनों में वृद्धि होने की संभावना है।
- वर्ष 2018 के दौरान पेट्रोलियम आयात (7028.37 बिलियन रुपये) देश के कुल सकल आयात (30010.2 बिलियन रुपये) का 23.42 प्रतिशत था।
- भारत की तेल की मांग में वर्ष 2016-2030 के दौरान 4 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR-Compound Annual Growth Rate) का अनुमान लगाया गया है, जबकि विश्व का औसत 1 प्रतिशत है।
- यद्यपि भारत द्वारा तेल की अनुमानित मांग अमेरिका और चीन की तुलना में कम होगी।
- समिति की सिफारिशों पर मंत्रालय नीतियां तैयार करते समय विचार करेगा।
- समिति ने अपनी रिपोर्ट में अल्प अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घ अवधि की रणनीतियां बनाने की सिफारिश की है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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