प्रश्न-हाल ही में कर प्रशासन में पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए डीआईएन प्रणाली की शुरुआत की गई?
(a) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा
(b) वित्त मंत्रालय द्वारा
(c) नीति आयोग द्वारा
(d) केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 01 अक्टूबर, 2019 को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) प्रणाली की शुरुआत हुई।
- गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के निर्देश पर डीआईएन प्रणाली विकसित की गई है।
- केंद्रीय राजस्व सचिव के अनुसार अब आयकर विभाग की किसी भी सूचना, पत्र, आदेश, समन और अन्य पत्राचार में यदि डीआईएन का उल्लेख नहीं होता है तो इसे अमान्य समझा जाएगा।
- डीआईएन प्रणाली द्वारा कर प्रशासन में पारदार्शिता के साथ कार्य करने की जिम्मेदारी बढ़ेगी तथा जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
- डीआईएन की जांच ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा की जा सकती है।
- यद्यपि विशेष परिस्थितियों में डीआईएन के बिना भी पत्राचार किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए विशेष कारण का उल्लेख करते हुए मुख्य आयकर आयुक्त/महानिदेशक से लिखित स्वीकृति लेनी पड़ेगी।
- इस तरह के परिस्थिति विशेष पत्राचार यदि किया जाता है तो इसे पोर्टल पर जारी करने के 15 दिनों के अंदर अपलोड करना होगा।
- ध्यातव्य है कि यह कदम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ईमानदार कर दाता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए उसे बेहतर सुविधा प्रदान करने के क्रम में उठाया गया है।
- उनके अनुसार देश के विकास में कर का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए कर को प्राप्त करने के लिए बेहतर प्रबंधन आवश्यक है।
लेखक-सुनीत कुमार द्विवेदी
संबंधित लिंक भी देखें…
https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=193561