प्रश्न-सरकार ने डिबेंचर जारी करने को लेकर आरक्षित पूंजी की अनिवार्यता को संशोधित कर दिया है-
(a) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) हेतु
(b) आवास वित्त कंपनियों (HFCs) हेतु
(c) सूचीबद्ध कंपनियों हेतु
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) हेतु
(b) आवास वित्त कंपनियों (HFCs) हेतु
(c) सूचीबद्ध कंपनियों हेतु
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- अगस्त, 2018 में पूंजी जुटाने की लागत में कमी लाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
- मंत्रालय ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), आवास वित्त कंपनियों (HFCs) तथा सूचीबद्ध कंपनियों हेतु डिबेंचर जारी करने को लेकर आरक्षित पूंजी की अनिवार्यता को संशोधित कर दिया है।
- ध्यातव्य है कि पहले कंपनी अधिनियम के अंतर्गत ऋणपत्र (डिबेंचर) के जरिए धन जुटाने वाली कंपनियों को ऋण विमोचन (रिडेंप्शन) हेतु आरक्षित पूंजी कोष (DRR) सृजन करना होता था।
- इसी अनिवार्यता को अब समाप्त कर दिया गया है।
- कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने सूचीबद्ध कंपनियों, NBFCs और HFCs के लिए 25 प्रतिशत की DRR की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।
- ये संशोधन सार्वजनिक के साथ-साथ निजी प्लेसमेंट में भी लागू होंगे।
- गैर-सूचीबद्ध (Unlisted) कंपनियों के लिए DRR अनिवार्यता को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.mca.gov.in/Ministry/pdf/ShareCapitalRules_16082019.pdf