ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019

The Transgender Persons (Protection of Rights) Bill, 2019

प्रश्न-ट्रांसजेडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) विधेयक में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ भेदभाव को प्रतिबंधित किया गया है।
(ii) विधेयक में ‘ट्रांसजेंडर व्यक्ति के लिए राष्ट्रीय परिषद’ के गठन का प्रावधान है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) न तो (i) और न ही (ii)
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 5 अगस्त, 2019 को लोक सभा द्वारा ‘ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 पारित किया गया।
  • 19 जुलाई, 2019 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने यह विधेयक लोकसभा में पेश किया था।
  • विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्ति को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जिसका लिंग जन्म के समय निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है।
  • विधेयक में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के साथ भेदभाव को प्रतिबंधित किया गया।
  • एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति ट्रांसजेंडर के रूप में पहचान प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी के पास आवेदन कर सकता है।
  • विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से बलात या बंधुआ श्रम, सार्वजनिक स्थलों के उपयोग को रोकने आदि के लिए 6 माह से 2 वर्ष के कारावास और अर्थदंड का प्रावधान किया गया है।
  • विधेयक में ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों हेतु राष्ट्रीय परिषद (NCT) के गठन का प्रावधान है जिसके अध्यक्ष केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री होंगे।
  • परिषद केंद्र सरकार को सलाह देगी व साथ ही ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों कानूनों व परियोजनाओं के प्रभावी निगरानी भी करेगी।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.prsindia.org/billtrack/transgender-persons-protection-rights-bill-2016
https://www.indiatoday.in/india/story/transgender-persons-bill-passed-in-lok-sabha-1577467-2019-08-05