जीरो पेंडेंसी कोर्ट्स प्रोजेक्ट

Zero Pendency Courts Project

प्रश्न-मई, 2019 में चर्चा में आए जीरो पेंडेंसी कोर्ट्स प्रोजेक्ट किस उच्च न्यायालय की एक पायलट परियोजना है?
(a) मद्रास उच्च न्यायालय
(b) दिल्ली उच्च न्यायालय
(c) कलकत्ता उच्च न्यायालय
(d) इलाहाबाद उच्च न्यायालय
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • मई, 2019 में चर्चा में आए ‘जीरो पेंडेंसी कोर्ट्स प्रोजेक्ट’ (Zero Pondency Courts Project) लंबित मामलों की बैक लॉग पर दिल्ली उच्च न्यायालय की एक पायलट परियोजना है।
  • यह प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह की एक परियोजना है जिसका उद्देश्य मामलों के लिए सर्वोत्कृष्ट समयसीमा के साथ आने वाले मामलों के जीवन चक्र (Life Cycle) का अध्ययन करना है। समय पर न्याय सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता से प्रेरित होकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनवरी, 2017 से दिल्ली में कुछ अधीनस्थ न्यायालयों में इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया था।
  • दिल्ली उच्च न्यायालय के जीरो पेंडेंसी कोर्ट्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट ने दिल्ली में एक वर्ष में लंबित सभी मामलों को निपटाने के लिए न्यायाधीशों की वर्तमान संख्या (दिल्ली की अधीनस्थ न्यायालयों में) 143 के सापेक्ष आदर्श रूप से 186 न्यायाधीशों तक पहुंचाने का सुझाव दिया है।
  • हाल ही में वर्ष 2016 की तरह यह अनुमान लगाया गया था कि न्यायिक देरी से भारत की सालाना सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.5 प्रतिशत खर्च होता है।

लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.thehindu.com/news/cities/Delhi/capital-needs-43-more-judges-to-clear-pending-cases-in-1-year/article27044183.ece