प्रश्न-4 अक्टूबर, 2019 को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति ने चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2019-20 जारी की। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) आरबीआई ने रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक कम करके 5.40 से 5.15 प्रतिशत किया।
(ii) आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास के अपने पूर्व अनुमान को 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
(i) आरबीआई ने रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक कम करके 5.40 से 5.15 प्रतिशत किया।
(ii) आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास के अपने पूर्व अनुमान को 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 4 अक्टूबर, 2019 को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य (Fourth Bi-Monthly Monetary Policy Statement), 2019-20 जारी किया।
- आरबीआई ने चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF : Liquidity Adjustment Facility) के अंतर्गत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंक कम करके 5.40 से 5.15 प्रतिशत किया।
- परिणामतः चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत रिवर्स रेपो रेट 4.90 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा दर (MSF) और बैंक दर 5.40 प्रतिशत हो गया।
- जबकि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के सांविधिक चलनिधि अनुपात (SLR) 18.75 प्रतिशत है।
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को अपरिवर्तित रखते हुए इसे निवल मांग और मियादी देयताओं (NDTL) को 4 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है।
- आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) में आर्थिक विकास (जीडीपी वृद्धि दर) के अपने पूर्व अनुमान को 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत किया।
- रेपो रेट कम होने का प्रभाव
- इस निर्णय से उन लोगों को फायदा मिलेगा, जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है।
- बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा।
- ब्याज दर कम होने से उपभोक्ताओं की क्रयशक्ति एवं मुद्रा की तरलता बढ़ेगी।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
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