प्रश्न-22 जुलाई, 2019 को चंद्रयान-2 मिशन का प्रक्षेपण, जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट के माध्यम से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मिशन के तहत भेजा गया लैंडर चंद्रमा की सतह पर कब लैंड करेगा?
(a) 7 सितंबर, 2019 को
(b) 10 सितंबर, 2019 को
(c) 15 सितंबर, 2019 को
(d) 21 सितंबर, 2019 को
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) 7 सितंबर, 2019 को
(b) 10 सितंबर, 2019 को
(c) 15 सितंबर, 2019 को
(d) 21 सितंबर, 2019 को
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 22 जुलाई, 2019 को भारत के, द्वितीय चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
- इस मिशन के तहत आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार के द्वितीय लांच पैड से GSLV मार्क-III M1 ने उड़ान भरी और चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया।
- उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई, 2019 को जीएसएलवी मार्क-III- एम-I प्रक्षेपण यान के माध्यम से ही भारत के द्वितीय चंद्रमिशन ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण प्रस्तावित था।
- लेकिन प्रक्षेपण से लगभग एक घंटा (25 मिनट, 24 सेकंड पूर्व) पूर्व प्रक्षेपण यान प्रणाली में तकनीकी खराबी का पता चलने पर इसरो के वैज्ञानिकों ने पर्याप्त सावधानी बरतते हुए चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण स्थगित कर दिया था।
- चंद्रयान-2 मिशन कई मायनों में खास है। यह ऐसा पहला मिशन है, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर पहुंचकर वहां अनुसंधान संचालित करेगा।
- उल्लेखनीय है कि अभी तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में कोई भी देश अपने अंतरिक्ष यान को लैंड (Land) कराने में सफल नहीं हो सका है।
- इस मिशन के माध्यम से भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग (Soft Landing) को अंजाम देने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
- अभी तक अमेरिका, चीन तथा रूस ही यह उपलब्धि हासिल कर सके हैं।
- उल्लेखनीय है कि भारत के प्रथम चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ के तहत वैज्ञानिक पेलोड के रूप में भेजे गए ‘मून इम्पैक्ट प्रोब’ (MIP Moon Impact Probe) ने चंद्रमा की सतह पर ‘हार्ड लैंडिंग (Hard Landing) की थी।
- चंद्रयान-2 मिशन के अंतर्गत एक ऑर्बिटर (Orbiter), लैंडर तथा एक रोवर शामिल है।
- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर लैंडर को ‘विक्रम’ नाम दिया गया है, जबकि रोवर का नाम ‘प्रज्ञान’ (Pragyaan) रखा गया है।
- 2369 किग्रा. वजनी ऑर्बिटर को 100×100 किमी. वाली चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
- चंद्रमा की कक्षा में परिक्रमण के दौरान ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह का अवलोकन करेगा और पृथ्वी एवं विक्रम लैंडर के मध्य संचार को सुगम बनाएगा।
- 7 सितंबर, 2019 को विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर मैंजिनस-C तथा सिंपेलियस-N क्रेटरों के मध्य लैंड करेगा।
- 1477 किग्रा. वजनी विक्रम लैंडर के माध्यम से ही 6 पहियों वाले प्रज्ञान रोवर (वजन 26 किग्रा.) को चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा।
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