प्रश्न-जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की परिसंपत्तियों का आकार पिछले लेखापरीक्षा किए गए तुलन-पत्र के अनुसार हो उन्हें प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां माना जाता है।
(a) 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक
(b) 50 करोड़ रुपये
(c) 25 करोड़ रुपये
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक
(b) 50 करोड़ रुपये
(c) 25 करोड़ रुपये
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- RBI के द्वारा अप्रैल-जून, 2019 हेतु गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और माइक्रो-फाइनेंस संस्थानों (MFIs) द्वारा उधारकर्ताओं से वसूले जाने वाले औसत आधार दर का निर्धारण कर दिया गया है।
- RBI द्वारा उपरोक्त अवधि हेतु औसत आधार दर को 9.21 प्रतिशत पर निर्धारित किया गया है।
- ध्यातव्य है कि RBI के द्वारा पहली बार फरवरी, 2014 में औसत आधार दर के निर्धारण हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी
- NBFC उस कंपनी को कहते हैं, जो (i) कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत पंजीकृत हो, (ii) इसका मुख्य कारोबार उधार देना, विभिन्न प्रकार के शेयरों/स्टॉक/बॉण्ड्स/डिबेंचरों/प्रतिभूतियों, पट्टा कारोबार, किराया-खरीद, बीमा कारोबार, चिट संबंधी कारोबार में निवेश करना, तथा (iii) किसी योजना या व्यवस्था के अंतर्गत एकमुश्त रूप से अथवा किश्तों में जमा राशियां प्राप्त करना है। किंतु किसी NBFC में ऐसी कोई संस्था शामिल नहीं है, जिसका मुख्य कारोबार कृषि, औद्योगिक, व्यापार संबंधी गतिविधियां हैं अथवा अचल संपत्ति का क्रय/विक्रय/निर्माण करना है।
- जिन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की परिसंपत्तियों का आकार पिछले लेखापरीक्षा किए गए तुलन-पत्र के अनुसार 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो उन्हें प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण NBFCs माना जाता है।
- माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं
- माइक्रो-फाइनेंस संस्थाएं उन कंपनियों को कहा जाता है जो कि निम्न आय वर्ग के लोगों को अपना व्यवसाय लगाने के लिए सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराती हैं।
- जबकि RBI की परिभाषानुसार, माइक्रो-फाइनेंस संस्थाएं वह कंपनियां हैं, जो कि कंपनी एक्ट, 1956 के अंतर्गत पंजीकृत हैं और जिनकी कुल संपत्ति 5 करोड़ रुपये से कम है।
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