गैरकानूनी-गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2019

Lok Sabha discusses Unlawful Activities (Prevention) Amendment Bill

प्रश्न-24 जुलाई, 2019 को लोक सभा में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक पारित हुआ। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) यह विधेयक गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1976 में संशोधन करता है।
(ii) प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, यदि जांच राष्ट्रीय जांच एंजेसी (NIA) के एक अधिकारी द्वारा की जाती है, तो ऐसी संपत्ति को जब्त करने के लिए एनआईए के महानिदेशक के मंजूरी की आवश्यकता होगी।
(iii) यह संशोधन विधेयक मामलों की जांच के लिए एनआईए अधिकारियों को इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी का अधिकार देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही हैं-
(a) केवल (ii) एवं (iii)
(b) केवल (ii)
(c) केवल (i) एवं (iii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 24 जुलाई, 2019 को लोक सभा ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2019 पारित किया।
  • यह विधेयक गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन करता है।
  • यह अधिनियम, अन्य गतिविधियों के साथ, आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए भी विशेष अधिकार प्रदान करता है।
  • इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार एक संगठन को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित कर सकती है यदि वह

(i) आतंकवादी कृत्यों में भाग लेते या कार्य करते हैं।
(ii) आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं,
(iii) माओवादी सहित अन्य ऐसे संघ जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ कार्य करते हों।

  • यह विधेयक इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार को उसी आधार पर आतंकवादियों के रूप में व्यक्तियों को नामित करने का अधिकार देता है।
  • इस अधिनियम के तहत, एक जांच अधिकारी को आतंकवाद से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने के लिए पुलिस महानिदेशक की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
  • इस नए विधेयक में कहा गया है कि यदि जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एक अधिकारी द्वारा की जाती है, तो ऐसी संपत्ति को जब्त करने के लिए एनआईए के महानिदेशक की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
  • इस अधिनियम के तहत, उप पुलिस अधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त रैंक के अधिकारियों द्वारा या उससे ऊपर के मामलों की जांच की जा सकती है।
  • यह विधेयक अतिरिक्त रूप से मामलों की जांच के लिए एनआईए के अधिकारियों को इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी अधिकार प्रदान करता है।
  • यह अधिनियम एक अनुसूची में सूचीबद्ध किसी भी संधियों के दायरे में किए गए कृत्यों को शामिल करने के लिए आतंकवादी कृत्यों को परिभाषित करता है।
  • इस प्रस्तावित संशोधन विधेयक का प्रमुख उद्देश्य आतंकी अपराधों की त्वरित जांच और अभियोजन की सुविधा प्रदान करना और आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान प्रदान करना है।

लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.indiatoday.in/india/story/unlawful-activities-prevention-amendment-act-bill-lok-sabha-1572999-2019-07-24
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192211
http://www.newsonair.com/Main-News-Details.aspx?id=369028
http://ddnews.gov.in/national/lok-sabha-discusses-unlawful-activities-prevention-amendment-bill