गेमिंग डिसॉर्डर भी है एक बीमारी : डब्ल्यू.एच.ओ.

International Classification of Diseases, 11th Revision (ICD-11) - WHO

प्रश्न-डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा बीमारियों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार की जाने वाली सूची (Inter-national Classification of Disease-ICD) प्रत्येक कितने वर्षों में जारी की जाती है?
(a) 4
(b) 7
(c) 5
(d) 10
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • मई, 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी, बीमारियों के वर्गीकरण की अंतरराष्ट्रीय सूची संख्या-11 (International Classification of Diseases- ICD-11) जारी की।
  • उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस सूची में वीडियो गेम्स खेलने की लत या गेमिंग डिसॉर्डर को भी एक बीमारी मानते हुए जगह दी है।
  • अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आई.सी.डी.-11 में शामिल अन्य बीमारियों की तरह गेमिंग डिसॉर्डर को भी आधिकारिक तौर पर बीमारी मान लिया गया है।
  • ज्ञातव्य हो कि इस वैश्विक संगठन ने जून, 2018 में ही गेमिंग डिसॉर्डर को अपने खतरनाक, तकनीक संबंधी व्यवहार सेक्शन में जगह देने का निर्णय लिया था।
  • डब्ल्यू.एच.ओ. ने इस डिसऑर्डर को आई.सी.डी.-11 की उपश्रेणी में रखा है जिसमें लत (Addiction) से संबंधित बीमारियां, जैसे शराब पीना, जुआ खेलना आदि सम्मिलित हैं।
  • डब्ल्यू.एच.ओ. ने एक वर्ष के पुनरावलोकन (Revesion) के उपरांत यह मसौदा तैयार किया है, जिसे 2022 में लागू किया जाएगा।
  • गेमिंग डिसॉर्डर को परिभाषित करते हुए डब्ल्यू.एच.ओ. ने कहा है कि ऑनलाइन या ऑफलाइन लगातार और हद से ज्यादा गेम खेलने की ऐसी लत, जिस पर गेम खेलने वाले का नियंत्रण न हो, एक बीमारी के रूप में मानी जा सकती है।
  • डल्ब्यू.एच.ओ. ने गेमिंग डिसॉर्डर से संबंधित निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर इसे बीमारी की श्रेणी में रखने का पर्याप्त कारण माना है-

(i) अगर यह लत एक साल तक लगातार किसी व्यक्ति में रहती है तो इसे डिसॉर्डर की श्रेणी में रखा जाएगा।
(ii) हर वक्त वीडियो गेम्स खेलने के विचार मस्तिष्क में आते रहें- अर्थात् प्री ऑक्यूपेशन।
(iii) अपने आप पे नियंत्रण खो देना, यानी वीडियो गेम खेलने की शृंखला को तोड़ने में असमर्थ होना अर्थात एक के बाद दूसरा फिर तीसरा फिर चौथा इसी तरह लगातार वीडियो गेम खेलते रहना।
(iv) नींद, आने पर भी खेल में व्यस्त रहना, किसी भी तरह का नुकसान हो जाना, किसी जरूरी काम का छूट जाना तथा समय पर दफ्तर न पहुंच पाना।

राजेश त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.who.int/classifications/icd/en/
https://www.who.int/news-room/detail/25-05-2019-world-health-assembly-update
https://ec.europa.eu/cefdigital/wiki/display/EHSEMANTIC/ICD-11%3A+The+11th+Revision+of+the+International+Classification+of+Diseases
https://medicalxpress.com/news/2019-05-recognises-burn-out-medical-condition.html
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6146249/