खाद्य सुरक्षा और पोषण पर ‘स्वास्थ्य मंत्रियों का पहला गोलमेज सम्मेलन’

First Health Ministers Roundtable on Food Safety & Nutrition

प्रश्न हाल ही में खाद्य सुरक्षा और पोषण पर स्वास्थ्य मंत्रियों के पहले गोलमेज सम्मेलन का आयोजन कहां किया गया?
(a) नई दिल्ली
(b) बंगलुरू
(c) पुणे
(d) अहमदाबाद
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 9 जनवरी, 2018 को खाद्य सुरक्षा और पोषण पर स्वास्थ्य मंत्रियों के पहले गोलमेज सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की।
  • यह सम्मेलन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित किया गया।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे तथा उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, तेलंगाना, पुडुचेरी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी इस गोलमेज सम्मेलन में शामिल हुए।
  • इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने क्लीन स्ट्रीट फूड हब्स और खाद्य उत्सवों के लिए फ्रेमवर्क जारी किया।
  • इससे स्ट्रीट फूड विक्रेताओं की क्षमता के विकास में सहायता मिलेगी।
  • इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने एफएसएसएआई का स्वस्थ भारत खाद्य कैलेंडर भी जारी किया।
  • अपनी तरह का यह पहला कैलेंडर है, जिसमें भारत के प्रमुख त्यौहारों तथा इनसे संलग्न खाद्यों को दर्शाया गया है।
  • एफएसएसएआई की नई वेबसाइट का भी शुभारंभ किया गया है।
  • इस गोलमेज सम्मेलन के दौरान अनुसंधानकर्त्ताओं की एक टीम द्वारा बीमारियों के कारण होने वाली आर्थिक हानि का आकलन प्रस्तुत किया गया।
  • आकलन के अनुसार बीमारियों के कारण भारत की जीडीपी में 0.5 प्रतिशत (28 बिलियन डॉलर) की हानि होती है।
  • इस सम्मेलन के दौरान राज्य स्वास्थ्य मंत्रियों ने एक सात सूत्री चार्टर को स्वीकार करने की घोषणा की जो निम्नलिखित है-
    1. कड़े खाद्य सुरक्षा मानकों को विकसित करना और सुरक्षित खाद्य अभ्यास संहिता तैयार करना।
    2. एक सकारात्मक नियामक वातावरण का निर्माण करना।
    3. एक विश्वसनीय राष्ट्रीय खाद्य परीक्षण प्रणाली स्थापित करना।
    4. सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करना तथा भोजन की उत्कृष्ट आदतों को विकसित करना।
    5. सुरक्षित और पोषक भोजन हेतु नागरिकों में व्यवहार संबंधी परिवर्तन लाना।
    6. खाद्य व्यवसाय में स्व-प्रमाणन की संस्कृति को विकसित करना।
    7. उचित वित्तीय सहायता से प्रभावी संस्थानों को विकसित करना।
  • ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार द्वारा देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य उप-केंद्रों को ‘स्वास्थ्य एवं कल्याण’ केंद्रों के रूप में परिणत करने का निर्णय लिया गया है।
  • इन केंद्रों पर मधुमेह, हाईपरटेंशन, कैंसर आदि की जांच होगी।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 का मुख्य लक्ष्य सुरक्षित व पोषण युक्त खाद्य की उपलब्धता और खपत तथा मधुमेह और हृदय संबंधी रोगों से होने वाली मौतों में कमी लाना है।

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http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=175484