केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो), अधिनियम, 2012 में संशोधन को मंजूरी

Cabinet approves Amendment in the Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012

प्रश्न-28 दिसंबर, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बालयौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 में संशोधन को मंजूरी दी। इससंशोधन के तहत आक्रामक यौन अपराध के मामले में किस प्रकार की सजा का प्रावधान कियागया है?
(a) मृत्युदंड
(b) आजीवनकारावास
(c) 20 वर्षकी सजा
(d) 25 वर्ष की सजा
उत्तर-(a)
संबंधिततथ्य

  • 28 दिसंबर, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्चों के विरुद्ध यौन अपराध करने पर दंडको और अधिक कठोर बनाने हेतु बाल यौन अपराध संरक्षण(POCSO) अधिनियम, 2018 में संशोधन के लिए अपनी मंजूरी दी।
  • बाल यौन अपराध की प्रवृत्ति को रोकने केउद्देश्य से एक निवारक के रूप में कार्य करने के लिए इस अधिनियम की धारा4, धारा5और धारा6 का संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • जिससे बच्चों को यौन अपराध से सुरक्षा प्रदानकरने हेतु आक्रामक यौन अपराध के मामले में मृत्युदंड सहित कठोर दंड का विकल्पप्रदान किया जा सके।
  • प्राकृतिक संकटों और आपदाओं के समय बच्चों कोयौन अपराधों से संरक्षण और आक्रामक यौन अपराध के उद्देश्य से बच्चों की जल्द यौनपरिपक्वता के लिए बच्चों को किसी भी तरीके से हॉर्मोन या कोई रासायनिक पदार्थखिलाने के मामले में इस अधिनियम की धारा9 में संशोधन का भी प्रस्ताव कियागया है।
  • बाल पोर्नोग्राफी की बुराई से निपटने हेतुपोक्सो अधिनियम, 2012 की धारा14 एवं धारा15 में भी संशोधन का प्रस्ताव कियागया है।
  • बच्चों की पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्ट नकरने/डिलीट न करने/रिपोर्ट करने पर जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
  • ऐसे व्यक्ति को इस प्रकार की सामग्री काप्रसारण/प्रचार/किसी अन्य तरीके से प्रबंधन करने के मामले में जेल या जुर्माना यादोनों सजाएं देने का प्रस्ताव कियागया है।
  • न्यायालय द्वारा यथा निर्धारित आदेश के अनुसारऐसी सामग्री का न्यायालय के सबूत के रूप में उपयोग करने के लिए रिपोर्टिंग की जासकेगी।
  • व्यापारिक उद्देश्य के लिए किसी बच्चे की किसीभी रूप में पोर्नोग्राफिक सामग्री का भंडारण/अपने पास रखने के लिए दंड केप्रावधानों को अधिक कठोर बनाया गया है।
  • ज्ञातव्य है कि पोक्सो अधिनियम, 2012 को बच्चों के हित और भलाई की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए बच्चों कोयौन अपराध, यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से संरक्षण प्रदान करने हेतु लागू कियागया था।
  • यह अधिनियम बच्चे को18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है।
  • साथ ही बच्चे का शारीरिक, भावनात्मक बौद्धिक औरसामाजिक विकास सुनिश्चित करने हेतु हर चरण को ज्यादा महत्व देते हुए बच्चे केश्रेष्ठ हितों और कल्याण का सम्मान करता है।
  • इस अधिनियम में लैंगिक भेदभाव नहीं है।

लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=186879
https://www.livelaw.in/cabinet-approves-death-penalty-for-aggravated-sexual-assault-of-children-plus-other-amendments-to-pocso-act/
https://www.livemint.com/Politics/FLcuPhaRUS8xLmVr9P4OaP/POCSO-Act-made-stringent-death-penalty-for-aggravated-sexua.html
https://www.financialexpress.com/india-news/cabinet-approves-amendments-in-pocso-act-heres-why-it-matters/1427739/