कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019

The Companies (Amendment) Act, 2019
प्रश्न-कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) यह विधेयक कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन करता है।
(b) विधेयक में 16 अपराधों को सिविल डिफॉल्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
(c) विधेयक में क्षेत्रीय निदेशक को 25 लाख रुपये तक के अपराधों के निस्तारण का अधिकार प्रदान किया गया है।
(d) विधेयक में कंपनियों को अपनी प्रॉपर्टी से संबंधित देयताओं के पंजीकरण हेतु देयता सृजन के 90 दिन के भीतर का समय का प्रावधान है।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • 30 जुलाई, 2019 को राज्य सभा द्वारा कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया गया।
  • यह विधेयक 26 जुलाई, 2019 को लोक सभा द्वारा पारित किया गया था।
  • 25 जुलाई, 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 को लोक सभा में पेश किया था।
  • विधेयक के माध्यम से कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन किया जाएगा।
  • विधेयक में 16 अपराधों को सिविल डिफॉल्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • विधेयक में वार्षिक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) फंड के बचे हुए भाग को प्रधानमंत्री राहत कोष और अन्य मदों में हस्तांरित करने का प्रावधान किया गया है।
  • किसी कंपनी के व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए यह आवश्यक होगा कि अपने गठन के 180 दिन के भीतर घोषणा-पत्र प्रस्तुत करे।
  • विधेयक में क्षेत्रीय निदेशक को 25 लाख रु. तक के अपराधों के निस्तारण का अधिकार प्रदान किया गया है।
  • विधेयक में कंपनियों को अपने प्रॉपर्टी से संबंधित देयताओं को पंजीकृत कराने के लिए देयता सृजन के 60 दिन के भीतर का प्रावधान है।
  • विधेयक के अनुसार किसी कंपनी में अपने हितधारिता की घोषणा न करने वाले व्यक्ति पर जुर्माना या एक वर्ष का कारावास या दोनों लगाया जा सकता है।

लेखक-नीरज ओझा

संबंधित लिंक भी देखें…

http://www.mca.gov.in/Ministry/pdf/AMENDMENTACT_01082019.pdf

https://www2.deloitte.com/content/dam/Deloitte/in/Documents/tax/Regulatory%20Alert/in-tax-key-highlights-companies-amendment-bill-2019-noexp.pdf