प्रश्न-सितंबर, 2019 में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 11 (नगरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित एवं टिकाऊ बनाना) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इस कार्यशाला का आयोजन 23-26 सितंबर, 2019 के मध्य नई दिल्ली में किया गया।
(b) इसका आयोजन केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने किया।
(c) इसका आयोजन यूएन-हेबिटेट और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
(d) इस कार्यशाला का उद्घाटन भारत में मुख्य सांख्यिकीविद् और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने किया।
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
(a) इस कार्यशाला का आयोजन 23-26 सितंबर, 2019 के मध्य नई दिल्ली में किया गया।
(b) इसका आयोजन केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने किया।
(c) इसका आयोजन यूएन-हेबिटेट और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
(d) इस कार्यशाला का उद्घाटन भारत में मुख्य सांख्यिकीविद् और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने किया।
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 23-26 सितंबर, 2019 के मध्य नई दिल्ली में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 11 (नगरों और मानव बस्तियों को समावेशी सुरक्षित, लचीला और टिकाऊ बनाना) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
- इस कार्यशाला का आयोजन यूएन-हेबिटेट और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
- इस कार्यशाला का उद्घाटन भारत के मुख्य सांख्यिकीविद् और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने किया।
- कार्यशाला में आर्मेनिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, भूटान, किर्गिस्तान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, केन्या और यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयों से आए प्रतिनिधियों और यूएन-हेबिटेट तथा यूरोपीय आयोग के विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।
- इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी बस्तियों की मानकीकृत रूपरेखा एवं वैश्विक स्तर पर होने वाले विकास पर प्रतिभागियों को संवेदनशील बनाने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे सदस्य देश राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप इन रूपरेखाओं को अपने अनुकूल बना सकें।
- शहरीकरण की डिग्री (डीईजीयूआरबीए) वर्गीकरण के माध्यम से शहरी क्षेत्रों एवं शहरी समूहों में निवासरत स्थानीय जनसंख्या के हिस्से पर आधारित एक क्षेत्र की स्थिति को इंगित जाता है।
- कार्यशला का मुख्य लक्ष्य शहर की रूपरेखा हेतु नए मीट्रिक डीईजीयूआरबीए दृष्टिकोण को लागू करना एवं अपनी राष्ट्रीयता के अनुरूप अनुकूलन क्षमता और अनुकूलन भागीदारी की आवश्यकता पर भागीदारी देशों से सीधी प्रतिक्रिया प्राप्त करना था।
- इस कार्यशाला में एसडीजी 11 संकेतकों के अनुरूप कार्यप्रणाली पर निगरानी हेतु शहर की वैश्विक रूपरेखा और इनकी समृद्धि के लिए सिटी प्रॉस्पेरिटी इनिशिएटिव (सीपीआई) को ग्रहण करने हेतु व्यवहार्यता का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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