प्रश्न-भारत में सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) किस वर्ष प्राप्त हुआ?
(a) 2013-14
(b) 2014-15
(c) 2015-16
(d) 2016-17
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 10 जनवरी, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में अनेक संशोधनों को मंजूरी प्रदान की गई।
- इन संशोधनों का उद्देश्य एफडीआई नीति को और अधिक उदार और सरल बनाना है, जिससे देश में कारोबार करने में आसानी हो।
- इसके परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह में वृद्धि होगी, जो निवेश, आय और रोजगार में उल्लेखनीय योगदान करेगा।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा निम्नलिखित क्षेत्रों में एफडीआई नीति में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई है-
- एकल ब्रॉन्ड खुदर कारोबार हेतु स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति।
- निर्माण क्षेत्र के विकास में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति।
- विदेशी एयरलाइनों को एअर इंडिया में अनुमोदित स्वचालित मार्ग के तहत 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति।
- एफआईआई/एफपीआई को प्राथमिक बाजार के माध्यम से भी पॉवर [(एक्सचेंजों में निवेश (49%)] की अनुमति।
- इसके अलावा इस संशोधन के तहत एफडीआई नीति में ‘चिकित्सा उपकरणों’ की परिभाषा में संशोधन किया गया है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश देश के आर्थिक विकास हेतु आर्थिक विकास का प्रमुख वाहक और गैर-ऋण वित्त का स्रोत है।
- सरकार द्वारा एफडीआई के संबंध में एक निवेश अनुकूल नीति बनाई गई है जिसके तहत अधिकांशतः क्षेत्रों गतिविधियों में स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति प्रदान की गई है।
- सरकार द्वारा किए गए उपायों के परिणामस्वरूप देश में एफडीआई प्रवाह में वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2014-15 के दौरान कुल एफडीआई प्रवाह 45.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जबकि वर्ष 2013-14 में एफडीआई प्रवाह 36.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- वर्ष 2015-16 के दौरान देश में कुल 55.46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ।
- वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 60.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ जो कि अब तक का सर्वाधिक निवेश है।
- देश में और अधिक एफडीआई को आकर्षित करने हेतु सरकार द्वारा एफडीआई नीति में अनेक संशोधन करने का निर्णय किया गया।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1516115