‘उम्मीद’ पहल का शुभारंभ

Government launches ‘UMMID’ initiative to tackle inherited genetic diseases of new born babies
प्रश्न-23 सितंबर, 2019 को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उम्मीद (UMMID-Unique Methods of Management and treatment of In herited Disordes) पहल का शुभारंभ किया। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह पहल जैव-प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सहायता प्रदत्त है।
(b) यह पहल सरकार द्वारा नवजात शिशुओं में आनुवांशिक रोगों से निपटने के लिए शुरू की गई है।
(c) इस पहल के प्रारंभिक चरण में व्यापाक स्तर पर नैदानिक सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु 15 निदान केंद्र बनाए गए हैं।
(d) उम्मीद अभियान के तहत सात आकांक्षी जिलों में आनुवांशिक बीमारियों का पता लगाने हेतु प्रतिवर्ष 10,000 गर्भवती महिलाओं और 1500 नवजात शिशुओं की जांच की जाएंगी।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
  • 23 सितंबर, 2019 को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उम्मीद (UMMID-Unique Methods of Management and treatment of Inherited Disordes) पहल का शुभारंभ किया।
  • इस अवसर पर उन्होंने निदान (राष्ट्रीय वंशानुगात रोग प्रबंधन) केंद्र का उद्घाटन भी किया।
  • यह पहल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा सहायता प्रदत्त है।
  • यह पहल सरकार द्वारा नवजात शिशुओं में आनुवांशिक रोगों से निपटने के लिए शुरू की गई है।
  • यह पहल ‘‘परहेज, इलाज से बेहतर है’’ की अवधारणा पर आधारित है।
  • उम्मीद पहल के लक्ष्यों में मरीजों को अधिकांशतः सरकारी अस्पतालों में परामर्श, प्रसव पूर्ण परीक्षण और निदान, प्रबंधन तथा बहुविषयक देखभाल उपलब्ध कराने हेतु निदान केंद्रों की स्थापना करना, मानव आनुवांशिकी में कुशल निदानविद् (क्लीनीशियन) तैयार करना और अस्तपालों एवं लक्षित जिलों में गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं की आनुवांशिक रोगों की जांच करना शामिल है।
  • इस पहल के प्रारंभिक चरण में बड़े स्तर पर नैदानिक सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु 5 निदान केंद्र बनाए गए हैं।
  • मद्रास मेडिकल मिशन (चेन्नई), एसजीपीजीआईएमएस (लखनऊ), सीडीएफडी (हैदराबाद), एम्स (नई दिल्ली), मौलाना आजाद मेडिकल कालेज (नई दिल्ली), एनआईआईएच (मुंबई) और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर को जैव-रसायन, आनुवांशिकी, कोशिका आनुवांशिकी, आण्विक आनुवांशिकी और क्लिनिकल जेनेटिक्स में प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु सहायता प्रदान की गई है।
  • इस अभियान के तहत सात आकांक्षी जिलों मेवात (हरियाणा), यादगीर (कर्नाटक), हरिद्वार (उत्तराखंड), वाशिम (महाराष्ट्र), रांची/(बोकारो (झारखंड), श्रावस्ती (उत्तर प्रदेश) और नंदरबार (महाराष्ट्र) में आनुवांशिक बीमारियों का पता लगाने हेतु प्रतिवर्ष 10,000 गर्भवती महिलाओं और 5000 नवजात शिशुओं की जांच की जाएगी।
  • स्वास्थ्य विभाग की योजना उम्मीद अभियान को विस्तारित करने तथा देश के अन्य हिस्सों में निदान केंद्र खोलने की है।
  • कई क्लिनिकल जेनेटिक्स में अधिकाधिक प्रयोगशाला कर्मियों को प्रशिक्षण देने की योजना भी सरकार की है, जिससे उम्मीद अभियान के आगामी चरण में आनुवांशिक बीमारियों का पता लगाने हेतु अधिक संख्या में गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं की जांच हो सकें।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1585937

https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=193353