प्रश्न-30 जुलाई, 2019 को उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 लोक सभा में पारित हुआ। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव है।
(ii) प्राधिकरण को भ्रामक विज्ञापनों के निर्माता/प्रकाशक पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तथा दो वर्ष कारावास का दंड देने का अधिकार होगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) दोनो में से कोई नहीं
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
(i) विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव है।
(ii) प्राधिकरण को भ्रामक विज्ञापनों के निर्माता/प्रकाशक पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तथा दो वर्ष कारावास का दंड देने का अधिकार होगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) दोनो में से कोई नहीं
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 30 जुलाई, 2019 को उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 लोक सभा में पारित हुआ।
- 6 अगस्त, 2019 को राज्य सभा में पारित हुआ।
- इस विधेयक का उद्देश्य उपभोक्ता विवादों का निपटारा करने के लिए उपभोक्ता प्राधिकरणों की स्थापना करने के माध्यम से उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना।
- विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के गठन का प्रस्ताव है।
- इस प्राधिकरण का उद्देश्य उपभोक्ता के अधिकारों को बढ़ावा देना और कार्यान्वयन करना।
- प्राधिकरण को शिकायत की जांच करने और आर्थिक दंड लगाने का अधिकार होगा।
- यह गलत सूचना देने वाले विज्ञापनों व्यापार के गलत तरीकों तथा उपभोक्ताओं के अधिकार के उल्लंघन के मामलों का नियमन करेगा।
- प्राधिकरण को भ्रामक विज्ञापनों के निर्माता/प्रकाशक पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना तथा 2 वर्ष कारावास का दंड देने का अधिकार होगा।
- उपभोक्ता आयोग का आर्थिक क्षेत्राधिकार बढ़ाया गया है, जो इस प्रकार हैं-
- जिला आयोग-1 करोड़ रुपये तक।
- राज्य आयोग-1 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक।
- राष्ट्रीय आयोग-10 करोड़ रुपये से अधिक।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
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