प्रश्न-हाल ही में किसे उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग का नाम अध्यक्ष नियुक्त किया गया?
(a) न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह
(b) न्यायमूर्ति सैय्यद रफत आलम
(c) न्यायमूर्ति तरुण चटर्जी
(d) न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 5 नवंबर, 2015 को राज्यपाल राम नाईक ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सैय्यद रफत आलम को ‘उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग’ (Uttar Pradesh Human Rights Commission) का अध्यक्ष नियुक्त किया।
- इस पद पर इनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष या 70 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक होगा।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग की स्थापना मानव अधिकारों के संरक्षण अधिनियम, 1993 (Protection of Human Rights Act, 1993) की धारा 21 के तहत 7 अक्टूबर, 2002 को की गई थी।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://upgovernor.nic.in/upgovernor.gov.in/Press%20Note/2015-11-05b%20Hindi%20Press%20Note.pdf
http://www.uniindia.com/up-human-rights-commission-selects-new-chairman/states/news/252299.html
सेवा मे
श्रीमान मानवाधिकार अध्यक्ष महोदय उ0प्र0
मान्यवर
मेरा एक्सीडेण्ट 14फरवरी2017 को गाडी नं0 UP 90 G 0208 से हुआ था और यह गाडी डिस्टिक मजिस्ट्रेट बादाॅ के पद के नाम रजिस्टर है ।एक्सीडेण्ट की F I R आज तक नही लिखी गयी जिलाधिकारी डा0 सरोज कुमार के प्रभाव के कारण और उसी के कहने पर सबूत मिटाऐ गये है क्योकि आज तक घटना मे इस्तमाल की गयी गाडी को पुलिस कस्टडी मे नही लिया गया और मेरी डैमेज मोटरसाइकिल को मेरे पिता जी को न देकर थाने न लेजाकर मौजा जौरही के अश्वनी प्रधान के यहा खडी करवा दी थी ताकी सबूत मिटाऐ जा सके।
और अश्वनी मेरी डैमेज मोटरसाइकिल को रोज चलाता/ चलवाता था। यदि उस दौरान कोई घटना घटित हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता या किसी अवैध कार्य के लिये इस्तमाल की जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता।
पुलिस अधिकारियो द्वारा घटना को स्वीकारने के बाद भी F I R नही लिख रहे क्या F I R लिखने के लिये कोई दूसरी संस्था है जो रिपोर्ट लिखेगी ।
श्रीमान् पुलिस अधिक्षक महोदय को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा लिखित कारवाही के निर्देश देने के बाद भी कोई कारवाही नही की गयी l
कोर्ट मे भी 156(3) भी दायर कर चुके है परन्तु मामला डा0 सरोज कुमार तत्कालिक DM से जुडे होने के कारण कोई आदेश नही कर रहा BANDA CJM RAJESH KUMAR जबकि पुलिस की स्टेटस रिपोर्टऔर 10 अक्टूबर को आ चुकी है और 12 अकटूबर को फाईनल बहस हो चुकी है 26 अक्टूबर को आदेश मे था और तब से कोई आदेस नही किया जा रहा DMडा0 सरोज कुमार के प्रभाव के कारण और मामला न्यायलय मे पिछले 5 महीनो से डिले किया जा रहा है ।
क्या आम जनता इसी प्रकार इन स्वेछाचारी अधिकारियो के अपराधिक षडयंत्र से मरती रहेगी और पुलिस कोई कारवाही नही करेगी।जोकि आम जनता के सुरक्षा के लिये है वह भी अपराधियो की संरक्षक बनी हुई है ।
ऐसे असमाजिक ब्यक्ति को तुरन्त बरखास्त कर देना चाहिऐ और सजा देनी चाहिए । जो अपनी डियुटी का निर्वाह न करे और आपराधिक षडयंत्र करे । और अपने पद का दुर्पुयोग करे ऐसे ब्यक्ति को सजा मिलनी ही चाहिये।
जब न्याय दिलाने वाले को ही न्याय नही मिल पा रहा और न्याय पाने के लिये पिछले दस महीनो से ठोकरे खाते हुऐ इधर उधर चक्कर काट रहा है तो आम जनता का क्या हाल होगा उनको कैसे न्याय मिलेगा ।
अतः श्रीमान् जी से विनम्र निवेदन है कि धारा 120B. 279. 337 IPC मे प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने का आदेश प्रदान(जारी) करे अति महान दया होगी।
देव कुमार
अधिवक्ता
ग्राम करबई थाना कोतवाली देहात बादाॅ
मो0 9506816230 & 8700210484