इंप्रिंट इंडिया का शुभारंभ

Visitor’s Conference begins with the launch of ‘IMPRINT India’

प्रश्न-5 नवंबर, 2015 को राष्ट्रपति द्वारा इंप्रिंट (इम्पैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी) इंडिया का उद्देश्य क्या है?
(a) शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति।
(b) शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति।
(c) उच्च शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा।
(d) ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए आवास।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 5 नवंबर, 2015 को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा कुलाध्यक्ष सम्मेलन में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में ‘इंप्रिंट इंडिया’ का शुभारंभ किया गया।
  • इंप्रिंट इंडिया (Impacting Research Innovotion and Technology) देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध व अनुसंधान कार्यों का रोड मैप तैयार करने हेतु ख्याति प्राप्त आई.आई.टी. संस्थानों तथा भारतीय विज्ञान संस्थान की संयुक्त पहल है।
  • ‘इंप्रिंट इंडिया’ को आरंभ करने का विचार गत वर्ष 22 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के अध्यक्ष, नियंत्रण मंडल एवं निर्देशकों के सम्मेलन के दौरान उत्पन्न हुआ था।
  • ‘इंप्रिंट इंडिया’ देश के लिए प्रासंगिक दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की प्रमुख अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों से निपटने की पहल है। जिसके संबंध में हमारा देश विदेशी तकनीक पर निर्भर है।
  • इन दस क्षेत्रों में सम्मिलित हैं-स्वास्थ्य, कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, धारणीय आवास, नैनो प्रौद्योगिकी हार्डवेयर, जल संसाधन एवं नदी प्रणाली, उन्नत पदार्थ, विनिर्माण, रक्षा तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन।
  • इस पहल के उद्देश्य इस प्रकार हैं-
  • समाज के लिए तात्कालिक महत्त्व वाले क्षेत्रों की पहचान करना।
  • चिन्हित क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  • चिन्हित क्षेत्रों में अनुसंधान हेतु वित्तीय समर्थन।
  • अनुसंधानों का शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों पर व्याप्त प्रभावों का आकलन करना।
  • इंप्रिंट इंडिया के अंतर्गत जिन दस वस्तुओं को लक्षित किया जाएगा, उनमें से प्रत्येक का समन्वय आई.आई.टी. तथा आई.एस.सी. द्वारा किया जाएगा।
  • ‘इंप्रिंट इंडिया’ योजना के तहत एक अंतर मंत्रालीय समूह को एकल खिड़की तंत्र के तर्ज पर स्थापित किया जाएगा। यह प्रमुख अनुसंधानों द्वारा प्रस्तावित अनुसंधान प्रस्तावों को चयनित करने के उपरान्त उनके लिए कोष की स्वीकृति प्रदान करेगा।
  • अन्तर मंत्रालीय समूह में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्यौगिकी विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सदस्य सम्मिलित होंगे।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=41769
http://imprint-india.org/about-imprint/imprint-overview