प्रश्न-SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा के किस कदम के चलते ‘आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम’ (AePS) के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन में काफी गिरावट आने की संभावना है?
(a) SBI, BOB के द्वारा दूसरे बैंकों के माइक्रो ATM से ट्रांजेक्शन लिमिटेड बढ़ाए जाने से
(b) बैंक ऑफ बड़ौदा में अन्य बैंकों के विलय से
(c) SBI और BoB के द्वारा AePS को खत्म करने से
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) SBI, BOB के द्वारा दूसरे बैंकों के माइक्रो ATM से ट्रांजेक्शन लिमिटेड बढ़ाए जाने से
(b) बैंक ऑफ बड़ौदा में अन्य बैंकों के विलय से
(c) SBI और BoB के द्वारा AePS को खत्म करने से
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- अक्टूबर, 2019 में ‘भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम’ (NPCI) के द्वारा ‘आधार-इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम’ (AePS) रूट के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन से संबंधित आंकड़े जारी किए गए।
- जिसके अनुसार सितंबर में AePS ट्रांजेक्शन संख्या 9 प्रतिशत गिरकर 20.1 करोड़ पर आ गई है।
- जबकि जुलाई AePS ट्रांजेक्शन की संख्या 22 करोड़ थी।
- कारण
- लेन-देनों की संख्या में गिरावट की मुख्य वजह SBI और BoB द्वारा उठाए गए हालिया कदम को माना जा रहा है।
- ध्यातव्य है कि उपरोक्त दोनों बैंकों द्वारा अपने बैंक के ग्राहकों को किसी दूसरे बैंक के माइक्रो-एटीएम से नकद निकासी सुविधा को सीमित कर दिया गया है।
- SBI और BoB ने माइक्रो-एटीएम से कैश निकालने की संख्या घटा कर चार कर दी है।
- BoB नियमों में बदलाव कर दूसरे बैंक के माइक्रो-एटीएम से हर महीने चार ट्रांजेक्शन करने की सुविधा और SBI ने केवल एक ट्रांजेक्शन करने की सुविधा प्रदान की है।
- माइक्रो ATM में आधार नंबर के जरिए पैसा मिलता है।
- माइक्रो ATM उन जगहों पर काम करते हैं, जहां पर किसी भी बैंक का ATM नहीं होता है।
- यह देखने में ‘वाइप मशीन’ की भांति लगता है, जो कि जीपीआरएस इनेबल्ड होता है।
- सामान्य ‘ATM मशीन’ से इतर यह मशीन स्वयं ग्राहक के पास ले जायी जा सकती है।
- यह मशीनें ‘बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट’ के पास होते हैं।
- दूसरे बैंक के ‘माइक्रो ATM’ का प्रयोग करने पर SBI और BOB द्वारा उस बैंक को कुछ रुपये देने पड़ते थे।
- इसीलिए SBI और BOB ने नियमों में बदलाव किया है।
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