प्रश्न-नवंबर, 2019 में किस शिपबिल्डर्स कंपनी ने ICGS एनी बेसेंट को भारतीय तटरक्षक बल को सौंपा?
(a) गार्डन रीच शिपबिल्डर्स
(b) एल. एंड टी. कंपनी लि.
(c) कोचीन शिपयार्ड लि.
(d) मझगांव शिपयार्ड लि.
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) गार्डन रीच शिपबिल्डर्स
(b) एल. एंड टी. कंपनी लि.
(c) कोचीन शिपयार्ड लि.
(d) मझगांव शिपयार्ड लि.
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- नवंबर, 2019 में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लि. ने फास्ट पैट्रोल वेसल (FPV) आईसीजीएस (ICGS) एनी बसेंट को भारतीय तटरक्षक बल को सौंपा।
- यह भारतीय तटरक्षक बल को दिये जाने वाले 5 गश्ती पोतो (FPV) के क्रम में दूसरा है।
- यह जीआरएसई लि. द्वारा निर्मित किया गया 101वां युद्ध पोत है।
- इसका डिजाइन पूरी तरह से GRSE लि. द्वारा किया गया है।
- यह एक मध्यम श्रेणी का पोत है जिसकी लंबाई 50 मीटर, चौड़ाई 7.5 मीटर और विस्थापन (Displacement) लगभग 308 टन है।
- इसकी अधिकतम गति 34 नॉट है।
- इसमें इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम तथा एडवांस्ड संचार प्रणाली का उपयोग किया गया है।
- इसका उपयोग गश्त, बचाव कार्य आदि के लिए किया जाएगा।
- GRSE लि. के बारे में
- कोलकाता स्थित यह सार्वजनिक क्षेत्र का अग्रणी शिपबिल्डर्स रक्षा उपक्रम है।
- यह 100 युद्धपोत निर्मित करने वाला पहला भारतीय शिपयार्ड है।
- इसकी स्थापना 1884 ई. में हुगली नदी के तट पर एक छोटी निजी कंपनी के रूप में हुई थी।
- वर्ष 1916 में इसका नाम बदल कर गार्डन रीच वर्कशॉप रखा गया।
- वर्ष 1960 में केंद्र सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया।
- यह एक मिनीरत्न कंपनी है।
- यह वर्तमान में PI7A प्रोजेक्ट के तहत भारतीय नौसेना के लिए 3 स्टेल्थ फ्रिगेट्स का निर्माण कर रहा है।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
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