अग्नि-IV की चौथा सफल परीक्षण

प्रश्न-अग्नि-IV के बारे में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए-
(1) यह सतह से सतह पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसका परास (रेंज) 4,000 किमी. है।
(2) यह एक द्विचरणीय मिसाइल है और यह अपने साथ 1,000 किग्रा. का युद्धशीर्ष ले जाने में सक्षम है।
(3) यह इसका तीसरा सफल परीक्षण था।
(4) अग्नि-IV का सफल परीक्षण भारतीय वायु सेना द्वारा किया गया।

इन कथनों में से सही कथन है/हैं-
(a) केवल 1 (b) 1 तथा 2
(c) 2 तथा 3 (d) 1 तथा 3
उत्तर-(b)

संबंधित तथ्य

  • 2 दिसंबर, 2014 को ओडिशा के बालासोर से लगभग 100 किमी. दूर व्हीलर द्वीप स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से नाभिकीय-सक्षम अग्नि-IV प्रक्षेपास्त्र का चौथा परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
  • अग्नि-IV सतह से सतह पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसका परास (रेंज) 4,000 किमी. है।
  • अग्नि-IV प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण भारतीय थल सेना की ‘सामरिक बल कमान’ (Strategic Forces Command) द्वारा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों के तकनीकी पर्यवेक्षण के अधीन किया गया।
  • ‘आरआईएनएस’ रिंग लेजर गायरो आधारित जड़त्वीय नौचालन प्रणाली (RINS: Ring Laser Gyro Inertial Navigation System) और अत्यन्त विश्वसनीय सूक्ष्म नौचालन प्रणाली (MINS : Micro Navigation System) के प्रयोग के चलते ही अग्नि-IV मिसाइल लक्ष्य को उच्च परिशुद्धता से भेदने में सफल रही।
  • उल्लेखनीय है कि अग्नि-IV एक द्विचरणीय मिसाइल है और यह अपने साथ 1,000 किग्रा. का युद्धशीर्ष (Warhead) ले जाने में सक्षम है।
  • अग्नि-IV का द्वितीय चरण ‘तंतु प्रबलित प्लास्टिक’ (Fibre Reinforced Plastic) से निर्मित है जिसे कंपोजिट केसिंग भी कहते हैं।
  • इसके इस्तेमाल से प्रक्षेपास्त्र का भार स्वतः कम हो गया है और इसका लाभ यह है कि यह अपने साथ अधिक प्रणोदक ले जा सकता है।
  • ज्ञातव्य हो कि 20 जनवरी, 2014 को अग्नि-IV प्रक्षेपास्त्र का तीसरा परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.drdo.gov.in/drdo/English/dpi/press_release/agni4-02122014.pdf
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=112337
http://www.defencenow.com/news/901/agni-4-successfully-tested-again-boost-to-indias-missile-programme.html