अंतरिम बजट, 2019-20

प्रश्न-1 फरवरी, 2019 को केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने ‘अंतरिम बजट 2019-20’ पेश किया। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधामनंत्री किसान सम्मान निधि (पीएसम-किसान) की शुरुआत की है।
(ii) गऊ संसाधनों के आनुवंशिक उन्नयन को स्थायी रूप से बढ़ाने और गायों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए ‘राष्ट्रीय कामधेनु आयोग’ बनाने की घोषणा की गई है।
(iii) 22वां नया एम्स हरियाणा में खोलने की घोषणा की गई।
(iv) राजकोषीय घाटा 6 वर्ष पूर्व के लगभग 6 प्रतिशत के उच्च स्तर से कम करके वर्ष 2018-19 (संशोधित अनुमान) में 2.5 प्रतिशत पर लाया गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है-

(a) केवल (i) एवं (ii)
(b) केवल (ii) एवं (iii)
(c) केवल (i),(ii) एवं (iii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 1 फरवरी, 2019 को केंद्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामले अतिरिक्त प्रभार रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने ‘अंतरिम बजट, 2019-20’ पेश किया।
  • पीयूष गोयल द्वारा कुल 2784200 करोड़ रुपये का अनुमानित अंतरिम बजट पेश किया गया जो विगत वर्ष (2018-19) के संशोधित अनुमान 2457235 करोड़ रुपये से 13.3 प्रतिशत अधिक हैं।
  • वर्ष 2013-2014 में विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के दर्जे से बढ़ते हुए आज भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
  • राजकोषीय घाटा 6 वर्ष पूर्व के लगभग 6 प्रतिशत के उच्च स्तर से कम करके वर्ष 2018-19 संशोधित अनुमान में 3.4 प्रतिशत पर लाया गया।
  • 6 वर्ष पहले चालू खाता घाटा के 5.6 प्रतिशत के उच्च स्तर के मुकाबले इस वर्ष इसके जीडीपी के केवल 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
  • अंतरिम बजट 2019-20 की मुख्य बातें
  • मनरेगा के लिए ब.अ. 2019-20 में रु. 60,000 करोड़ का आवंटन किया जा रहा है।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, ग्रामीण सड़कों के निर्माण में तीन गुना वृद्धि हुई है। कुल 17.84 लाख बस्तियों में से 15.80 लाख बस्तियों को पक्की सड़कों से पहले ही जोड़ा जा चुका है।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए ब.अ. 2019-20 में रु. 19,000 करोड़ का आबंटन किया जा रहा है, जबकि सं.अ. 2018-19 में इसके लिए रु. 15,500 करोड़ का आबंटन दिया गया था।
  • 2014-18 की अवधि के दौरान, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 1.53 करोड़ मकान बनाए गए हैं।
  • विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत’ शुरू किया गया है जो लगभग 50 करोड़ लोगों को चिकित्सा उपचार मुहैया कराएगा।
  • लगभग 10 लाख रोगियों ने स्कीम के अंतर्गत उपलब्ध निःशुल्क उपचार के जरिए चिकित्सा उपचार का फायदा उठाया है, जिसके लिए रु. 3,000 करोड़ खर्च करना पड़ता।
  • वर्तमान में देश में 21 एम्स कार्यरत हैं या स्थापित किए जा रहे हैं। इन 21 एम्स में से 14 एम्स की घोषणा 2014 से की गई है। 22वां नया एम्स हरियाणा में खोलने की घोषणा की गई है।
  • सरकार ने किसानों की आय दुगुनी करने हेतु इतिहास में पहली बार सभी 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से कम-से-कम 50 प्रतिशत अधिक निर्धारित किया है।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पीएम-किसान छोटे और सीमांत किसानों को निश्चित आय सहायता मुहैया कराने के लिए सरकार एक ऐतिहासिक कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत, 2 हेक्टेयर तक की जोत वाले सभी कमजोर भू-स्वामी किसान परिवारों को प्रति वर्ष रु. 6000 की दर से प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • यह आय सहायता प्रत्येक रु. 2000 की तीन बराबर किस्तों में लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे अंतरित की जाएगी।
  • इस कार्यक्रम का निधि पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। जिसमें लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवारों के लाभान्वित होने की आशा है।
  • इस कार्यक्रम को 1 दिसंबर, 2018 से लागू किया जाएगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का भुगतान इसी वर्ष के दौरान किया जाएगा। इस कार्यक्रम से रु. 75000 करोड़ का वार्षिक व्यय होगा।
  • वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ‘पीएम-किसानहेतु रु. 75,000 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव रखा गया है। वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान में रु. 20,000 करोड़ दिया गया है।
  • किसानों का फसली कर्ज 2018-19 में बढ़कर रु. 11.68 लाख करोड़ हो गया है।
  • पशुपालन और मात्स्यिकी क्षेत्र की सहायता की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान वर्ष में ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के लिए आवंटन को बढ़ाकर रु. 750 करोड़ कर दिया गया है।
  • गऊ संसाधनों के आनुवंशिक उन्नयन को स्थायी रूप से बढ़ाने और गायों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए ‘राष्ट्रीय कामधेनु आयोग’ बनाने की घोषणा की गई है।
  • भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जिसकी वैश्विक उत्पादन में 6.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
  • हालिया वर्षों में भारत ने 7 प्रतिशत से अधिक की औसत वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह सेक्टर प्राथमिक स्तर पर लगभग 1.45 करोड़ लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
  • इस सेक्टर के विकास पर निरंतर पूरा ध्यान देने के लिए, सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग बनाने का निर्णय लिया है।
  • ग्रेच्युटी के भुगतान की सीमा को रु. 10 लाख से बढ़ाकर रु. 20 लाख किया गया। विगत पांच वर्षों के दौरान सभी श्रेणी के श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में भी 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो आज तक सर्वाधिक है।
  • प्रत्येक श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन भी रु. 1,000 प्रति माह तय कर दी गई है।
  • सर्विस के दौरान किसी श्रमिक की मृत्यु होने की स्थिति में ईपीएफओ द्वारा राशि रु. 2.5 लाख से बढ़ाकर रु. 6 लाख तक सुनिश्चित की गई है।
  • प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना
  • सरकार ने असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन’ नामक वृहत पेंशन योजना आरंभ करने का प्रस्ताव किया है जिनकी मासिक आय रु. 15,000 या उससे कम है।
  • इस पेंशन योजना से अपनी कार्यशील आयु के दौरान एक छोटी-सी राशि के मासिक अंशदान करने से उन्हें 60 वर्ष की आयु से रु. 3000 की सुनिश्चित मासिक पेंशन मिलेगी।
  • 29 वर्ष की आयु में इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को केवल रु. 100 प्रतिमाह का अंशदान 60 वर्ष की आयु तक करना होगा।
  • 18 वर्ष की आयु में इस पेंशन योजना में शामिल होने वाले कामगार को मात्र रु. 55 प्रतिमाह का अंशदान करना होगा। 
  • सरकार प्रत्येक माह कामगार के पेंशन खाते में बराबर की राशि जमा करेगी।
  • अगले पांच वर्षों के भीतर असंगठित क्षेत्र के कम-से-कम 10 करोड़ श्रमिक और कामगार प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना का लाभ लेंगे, जिससे यह योजना विश्व की सबसे बड़ी पेंशन स्कीमों में से एक बन जाएगी।
  • इस स्कीम के पहले साल के लिए रु. 500 करोड़ की राशि आवंटित की गई है।
  • यह स्कीम चालू वर्ष से ही कार्यान्वित की जाएगी।
  • सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेकशन मुफ्त बांटने का कार्यक्रम शुरू किया है। इस योजना में 6 करोड़ कनेक्शन पहले ही दिए जा चुके हैं और शेष मुफ्त कनेक्शन अगले साल तक दिए जाएंगे।
  • 2019-20 में रक्षा बजट पहली बार रु. 3,00,000 करोड़ से अधिक हो जाएगा।
  • सिक्किम में पेक्योंग हवाई अड्डे की शुरुआत के साथ ही प्रचालनरत हवाई अड्डों की संख्या 100 से अधिक हो गई है।
  • घरेलू हवाई यातायात पिछले पांच वर्षों में दुगुना हो गया है, जिसके फलस्वरूप रोजगार भी भारी संख्या में पैदा हुआ है। वर्तमान में प्रतिदिन 27 किमी. राजमार्ग के निर्माण के चलते भारत विश्व में सबसे तेज राजमार्ग विकसित करने वाला देश बन गया है।
  • पहली बार देश में ही विकसित और विनिर्मित सेमी हाई स्पीड ‘‘वंदे भारत एक्सप्रेस’’ (Train-18) की शुरुआत हो चुकी है, जो चलाने से भारतीय यात्रियों को गति, सेवा और सुरक्षा का विश्व स्तरीय अनुभव के साथ मेक इन इंडिया को गति प्रदान करेगी और रोजगार सृजित करेगी।
  • रेलवे के लिए बजट से वर्ष 2019-20 (ब.अ.) में रु. 64,587 करोड़ की पूंजीगत सहायता का प्रस्ताव है। रेलवे का समग्र पूंजी व्यय कार्यक्रम रु. 1,58,658 करोड़ है।
  • प्रचालन अनुपात वर्ष 2017-18 के 98.4 प्रतिशत से सुधारक वर्ष 2018-19 (सं.अ.) में 96.2 प्रतिशत तथा आगे और अधिक बेहतर होकर वर्ष 2019-20 (ब.अ.) में 95 प्रतिशत होने की संभावना है।
  • भारत की संस्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता पिछले पांच वर्षों में दस गुना से अधिक हो गई है।
  • पूर्वोत्तर की जनता को भी अवसंरचना विकास के लाभ मिले हैं। अरुणाचल प्रदेश हाल ही में हवाई मार्ग के मानचित्र पर दर्ज हुआ है तथा मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम पहली बार भारत के रेल मानचित्र पर उभरे हैं।
  • 2018-19 (ब.अ.) की तुलना में 2019-20 (ब.अ.) में पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए आवंटन को 21 प्रतिशत बढ़ाकर रु. 58,166 करोड़ किए जाने का प्रस्ताव किया जा रहा है।
  • डिजिटल इंडिया क्रांति
  • भारत अब दुनिया में मोबाइल डेटा का सर्वाधिक खपत करने वाला देश बन गया है। मोबाइल डेटा की मासिक खपत में पिछले पांच वर्षों में 50 गुना बढ़ोत्तरी हुई है।
  • भारत में अब कॉल और डेटा की कीमत संभवतः विश्व में सबसे कम है।
  • जन-धन-आधार-मोबाइल (जेएएम) तथा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण ने दूरगामी परिवर्तन किए हैं।
  • पिछले पांच वर्षों में लगभग 34 करोड़ जन धन बैंक खाते खोले गए हैं।
  • कर संग्रहण वर्ष 2013-14 के रु. 6.38 लाख करोड़ से काफी बढ़कर इस वर्ष लगभग रु. 12 लाख करोड़ हो गया है।
  • दाखिल की गई कर विवरणियों की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हो गई है जो कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।
  • चालू वर्ष में औसत मासिक कर संग्रहण रु. 97,100 करोड़ प्रति माह रहा है, जबकि प्रथम वर्ष में यह रु. 89,700 करोड़ प्रतिमाह था।
  • पहले पांच वर्षों के लिए राजस्व में 14 प्रतिशत वृद्धि की गारंटी के साथ  राज्यों के राजस्व में सुधार हो रहा है।
  • पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान काला धन कानून, भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम और नोटबंदी के रूप में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से रु. 1,30,000 करोड़ के मूल्य की आस्तियां कर के दायरे में आयी हैं, लगभग रु. 50,000 करोड़ की परिसंपत्तियां जब्त और कुर्क की गई हैं।
  • इस अवधि के दौरान, लगभग रु. 6,900 करोड़ की बेनामी आस्तियां और रु. 1,600 करोड़ की विदेशी आस्तियों को जब्त कर लिया गया है।
  • 3,38,000 शेल कंपनियों की पहचान की गई है और उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और उनके निदेशकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
  • 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 18 प्रतिशत की वृद्धि और कर आधार में वृद्धि हुई है, जब वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों ने आय कर विवरणी दाखिल की। यह सब मुख्यतः विमुद्रीकरण के कारण ही संभव हो सका।
  • इसके साथ ही, पिछले बजट में लाए गए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई।
  • बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर 10 हजार की जगह अब 40 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री हो गया है।
  • छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए मकान के किराए पर कर कटौती के लिए टीडीएस सीमा को 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव है। 5 लाख रुपये तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वाले करदाताओं को अब टैक्स में पूरी छूटी मिलेगी।
  • सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश करने पर कुल 6.5 लाख रु. की इनकम टैक्स फ्री हो गई।

लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें… 

http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=187934