अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

Guptvanshi Veer Skandagupta Vikramaditya at Banaras Hindu University
प्रश्न-16-17 अक्टूबर, 2019 के मध्य उत्तर प्रदेश में किस विश्वविद्यालय में ‘गुप्तवंशैक वीरः स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुनः स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई?
(a) डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय
(b) लखनऊ विश्वविद्यालय
(c) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
(d) इलाहाबाद विश्वविद्यालय
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
  • 16-17 अक्टूबर, 2019 के मध्य वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ‘गुप्तवंशैक वीरः स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुनः स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई।
  • 16 अक्टूबर को इस संगोष्ठी का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया।
  • इस संगोष्ठी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया।
  • इस संगोष्ठी को आयोजित करने का उद्देश्य इस राष्ट्र नायक के विषय में युवा पीढ़ी को जानकारी प्रदान करना था।
  • संगोष्ठी में भारत के अलावा जापान, मंगोलिया, थाईलैंड, श्रीलंका, वियतनाम, अमेरिका और नेपाल के कई इतिहास कारों, विद्वानों और राजनीतिक चिंतकों ने भाग लिया और अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • इस संगोष्ठी का विषय ‘गुप्तवंशैकवीराह’ था, जिसका तात्पर्य है कि गुप्त वंश का एक ही वीर स्कंदगुप्त विक्रमादित्य था।
  • स्कन्दगुप्त गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम का पुत्र था।
  • प्राप्त अभिलेखों के अनुसार उसने 455 ईस्वी से 467 ईस्वी तक अर्थात कुल 12 वर्षों तक शासन किया।
  • भितरी स्तंभ लेख उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में सैदपुर तहसील के भीतरी नामक स्थान से प्राप्त हुआ है।
  • इस स्तंभ लेख में पुष्यमित्रों और हूणों के साथ स्कन्दगुप्त के युद्ध का वर्णन है।
  • जूनागढ़ अभिलेख स्कंदगुप्त का सर्वाधिक महत्वपूर्ण लेख है, जो सुराष्ट्र (गुजरात) के जूनागढ़ से प्राप्त हुआ है।
  • इस अभिलेख से ज्ञात होता है कि स्कन्दगुप्त ने हूणों को परास्त करके सुराष्ट्र प्रांत में पर्णदत्त को अपना राज्यपाल (गोप्ता) नियुक्त किया था।
  • इस लेख में उसके सुव्यवस्थित शासन और गिरनार के पुरपति चक्रपालित द्वारा सुदर्शन झील के बांध के पुनर्निर्माण का विवरण प्राप्त होता है।
  • इतिहासकारों ने गोष्ठी में बताया कि हूणों के साथ प्रमुख युद्ध वाराणसी के निकट जौड़िहार नामक स्थान पर हुआ था, जिसका नाम हूण हार अर्थात हूणों की पराजय से संदर्भित था।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

http://amitshah.co.in/salient-points-of-shri-amit-shahs-address-at-a-seminar-guptvanshak-veer-skandagupta-vikramaditya-at-banaras-hindu-university-kashi/

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1588376

http://information.up.nic.in/attachments/files/5da87234-a394-436a-8aff-67db0af72573.pdf