प्रश्न – जनवरी 2025 में सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) ने किस संस्थान के साथ “हाई-बैंडविड्थ 6G वायरलेस लिंक के लिए ऑप्टिकल ट्रांससीवर चिपसेट” के विकास के लिए समझौता किया?
(a) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT दिल्ली)
(b) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT बॉम्बे)
(c) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT मद्रास)
(d) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (IIT कानपुर)
उत्तर – (b)
व्याख्यात्मक उत्तर
- जनवरी, 2025 में सेंटर फॉर डेवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT बॉम्बे) के साथ “हाई-बैंडविड्थ 6G वायरलेस लिंक के लिए ऑप्टिकल ट्रांससीवर चिपसेट” के विकास के लिए एक समझौता किया है।
- यह समझौता दूरसंचार मंत्रालय, भारत सरकार के दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (Telecom Technology Development Fund, TTDF) के 6G प्रस्ताव के तहत किया गया है।
- यह प्रस्ताव 6G पारिस्थितिकी तंत्र पर त्वरित अनुसंधान के लिए है, जिससे वर्ष 2030 तक 6G प्रौद्योगिकी के डिजाइन, विकास और कार्यान्वयन में भारत अग्रणी बन सके।
- इसका उद्देश्य वहनीयता (Affordability), स्थिरता (sustainability) और सर्वव्यापकता (Ubiquity) के आधार पर 6G तकनीक को विकसित करना है।
- इस परियोजना का उद्देश्य हाई-बैंडविड्थ फ्री-स्पेस कोहेरेंट ऑप्टिकल लिंक के लिए चिपसेट विकसित करना है।
- ये लिंक 6जी अनुप्रयोगों के लिए हैं, इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में और ऐसे इलाकों में अंतिम मील तक हाई स्पीड टेरेस्ट्रियल कनेक्टिविटी शामिल है, जहां ऑप्टिकल फाइबर लगाना/ बिछाना चुनौतीपूर्ण होता है।
- इस परियोजना का उद्देश्य उपग्रहों के माध्यम से दूरदराज क्षेत्रों में निर्बाध उच्च-बैंडविड्थ संचार लिंक प्रदान करना भी है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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