प्रश्न-हाल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना’ को मंजूरी प्रदान की। इसकी घोषणा की गई थी-
(a) केंद्रीय बजट 2013-14 में
(b) केंद्रीय बजट 2014-15 में
(c) केंद्रीय बजट 2015-16 में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 9 सितंबर, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘सार्वभौमिक स्वर्ण बांड (SGB) योजना’ को मंजूरी प्रदान की।
- उल्लेखनीय है कि इसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2015-16 में की गई थी।
- इस योजना से सोने की मांग में कमी आएगी और प्रतिवर्ष 300 टन सोने की छड़ें और सिक्कों की खरीदारी के लिए किए जाने वाले निवेश को स्वर्ण बांड में लगाया जा सकेगा।
- गौरतलब है कि भारत में सोने की मांग अधिकतर आयात द्वारा पूरी की जाती है।
- इस योजना से देश के चालू खाते के घाटे को सीमित करने में मदद मिलेगी।
- इस योजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं-
1. ‘सार्वभौमिक स्वर्ण बांड’ (SGB) नगदी भुगतान पर जारी किया जाएगा और ग्राम आधारित सोने के वजन के अनुरूप होगा।
2. भारत सरकार की तरफ से भारतीय रिजर्व बैंक बांड जारी करेगा। बांड की सार्वभौमिक गारंटी होगी।
3. बांड की बिक्री केवल भारत में रहने वाले नागरिकों को की जाएगी।
4. बांड की अधिकतम सीमा एक समुचित स्तर पर रखी जाएगी जो प्रतिव्यक्ति, प्रतिवर्ष 500 ग्राम से अधिक नहीं होगी।
5. इस योजना के तहत सरकार अपने द्वारा निर्धारित ब्याज दर पर बांड जारी करेगी। यह ब्याज दर निवेश के समय सोने के मूल्य के अनुरूप तय की जाएगी।
6. बांड डीमेट या कागज के रूप में होंगे। बांड सोने के 5, 10, 50, 100 ग्राम के आधार पर या अन्य आधारों पर होंगे।
7. इन बांडों को डाकघरों, बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और एनएससी एजेंटों सहित विभिन्न ब्रोकरों और एजेंटों के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
8. इन बांडों को डाकघरों, बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और एनएससी एजेंटों सहित विभिन्न ब्रोकरों और एजेंटों के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।
9. बांड की अवधि न्यूनतम 5 से 7 वर्षों की होगी ताकि सोने की कीमतों के मध्यकालीन उतार-चढ़ाव से निवेशकों की सुरक्षा हो सके।
10. इन बांडों को ऋण के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=126752