सस्टेनेबल एक्वाकल्चर इन मैंग्रोव इकोसिस्टम्स” (SAIME) मॉडल को वैश्विक तकनीकी मान्यता

प्रश्न – 15 अक्टूबर, 2025 को पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में प्रकृति, पर्यावरण और वन्यजीव सोसाइटी (NEWS) द्वारा विकसित “सस्टेनेबल एक्वाकल्चर इन मैंग्रोव इकोसिस्टम्स” (SAIME) मॉडल को किस संस्था द्वारा वैश्विक तकनीकी मान्यता प्रदान की गई?
(a) विश्व बैंक
(b) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
(c) संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
(d) विश्व व्यापार संगठन (WTO)
उत्तर – (c)


व्याख्यात्मक उत्तर

  • 15 अक्टूबर, 2025 को पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में प्रकृति, पर्यावरण और वन्यजीव सोसाइटी (NEWS) द्वारा विकसित “सस्टेनेबल एक्वाकल्चर इन मैंग्रोव इकोसिस्टम्स” (SAIME) मॉडल को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने वैश्विक तकनीकी मान्यता प्रदान की।
  • इस गैर-सरकारी संगठन को यह मान्यता एफएओ की 80वीं वर्षगांठ समारोह और इटली के रोम स्थित मुख्यालय में विश्व खाद्य मंच के दौरान प्रदान की गई।
  • सस्टेनेबल एक्वाकल्चर इन मैंग्रोव इकोसिस्टम्स” (SAIME) मॉडल झींगा जलीय कृषि को मैंग्रोव संरक्षण के साथ एकीकृत करता है, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता और ग्रामीण आजीविका दोनों को बढ़ावा मिलता है।
  • यह झींगा तालाबों में 5%-30% मैंग्रोव आवरण बनाए रखता है, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
  • उत्तर और दक्षिण 24 परगना के 42 मत्स्यपालकों द्वारा 30 हेक्टेयर क्षेत्र में कार्यान्वित इस पहल ने लागत बचत और पर्यावरण-अनुकूल उपायों के माध्यम से किसानों के वार्षिक शुद्ध लाभ को दोगुने से भी अधिक कर दिया है।
  • स्थानीय समुदायों को शामिल करके और सामूहिक ज़िम्मेदारी को प्रोत्साहित करके, SAIME जलवायु लचीलापन बढ़ाता है , समुद्र-स्तर में वृद्धि का मुकाबला करता है और रसायन-मुक्त झींगा पालन को बढ़ावा देता है।
  • विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त SAIME मॉडल, विश्व भर के मैंग्रोव क्षेत्रों में टिकाऊ जलकृषि के लिए एक अनुकरणीय समाधान प्रस्तुत करता है, जो आर्थिक विकास को पर्यावरणीय संरक्षण के साथ संरेखित करता है ।

लेखक- विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.thehindu.com/news/national/west-bengal/sundarbans-aquaculture-model-wins-fao-global-recognition/article70168334.ece

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