प्रश्न – निम्नलिखित में से कौन-सा कथन मध्य प्रदेश सरकार की “सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) मूल्यांकन योजना” के संबंध में सही नहीं है?
(a) इस योजना का उद्देश्य राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर एसडीजी लक्ष्यों का स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित करना है।
(b) योजना के अंतर्गत रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त जिला को ₹1.5 करोड़ रुपये और द्वितीय स्थान प्राप्त जिला को ₹1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
(c) कमजोर प्रदर्शन वाले जिलों को राज्य की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित किया जाएगा।
(d) इस योजना पर कुल 19 करोड़ 10 लाख रुपये (3 करोड़ 82 लाख रुपये प्रतिवर्ष) का व्यय प्रस्तावित किया गया है।
उत्तर – (b)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 23 अक्टूबर, 2025 को मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा “सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) मूल्यांकन योजना” को वर्ष 2025 से 2030 तक की अवधि के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
- इस योजना का उद्देश्य प्रदेश में सतत् विकास लक्ष्यों का राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित करना है।
- इसके अंतर्गत एक डैशबोर्ड आधारित रैंकिंग प्रणाली विकसित की जाएगी, जिसके माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा।
- रैंकिंग के आधार पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले जिलों को प्रोत्साहन स्वरूप वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- प्रथम स्थान प्राप्त जिला को 1 करोड़ रुपये तथा द्वितीय स्थान प्राप्त जिला को 75 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
- चयनित जिलों को यह स्वतंत्रता होगी कि वे अपनी स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से किसी भी लक्ष्य में सुधार हेतु इस पुरस्कार राशि का उपयोग करें।
- प्रदेश के वे जिले जिनका प्रदर्शन रैंकिंग में अपेक्षाकृत कमजोर रहेगा, उन्हें राज्य की चल रही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के समग्र एवं संतुलित विकास को बल मिलेगा।
- इस योजना पर कुल 19 करोड़ 10 लाख रुपये (3 करोड़ 82 लाख रुपये प्रतिवर्ष) का व्यय प्रस्तावित किया गया है।
- योजना के माध्यम से शासन का लक्ष्य सतत् विकास के सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय तीनों आयामों में संतुलन स्थापित करना है।
- उल्लेखनीय है कि सतत् विकास लक्ष्य (SDGs) संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2015 में निर्धारित किए गए थे, जिनकी प्राप्ति वर्ष 2030 तक की जानी है।
- मध्य प्रदेश शासन द्वारा तैयार “विकसित मध्यप्रदेश@2047 दृष्टिपत्र” राज्य के दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करता है।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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