शक्ति-आधारित सेमीकंडक्टर चिप

प्रश्न – शक्ति-आधारित सेमीकंडक्टर चिप के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1.11 फरवरी, 2025 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मिलकर आत्मनिर्भर एयरोस्पेस गुणवत्ता वाला शक्ति-आधारित सेमीकंडक्टर चिप विकसित कर सफलतापूर्वक बूट किया है।
2. शक्ति प्रोसेसर को आधार बनाकर IRSS चिप विकसित की गई है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) केवल (i) एवं (ii) दोनों
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (a)


व्याख्यात्मक उत्तर

  • 11 फरवरी, 2025 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मिलकर आत्मनिर्भर एयरोस्पेस गुणवत्ता वाला शक्ति-आधारित सेमीकंडक्टर चिप विकसित कर सफलतापूर्वक बूट किया है।
  • शक्ति माइक्रोप्रोसेसर परियोजना का नेतृत्व आईआईटी मद्रास के प्रताप सुब्रमण्यम सेंटर फॉर डिजिटल इंटेलिजेंस एंड सिक्योर हार्डवेयर आर्किटेक्चर (PSCDISHA) के प्रोफेसर वी. कमकोटी कर रहे हैं।
  • यह प्रणाली RISC-V आधारित है, जो एक ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (ISA) है।
  • इस परियोजना को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा ‘डिजिटल इंडिया RISC-V’ पहल (DIRV) के तहत समर्थन प्राप्त है।
  • इसका उद्देश्य स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर आधारित उत्पादों का विकास करना है जो बेहतरीन सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान कर सकें।
  • शक्ति प्रोसेसर को आधार बनाकर IRIS (Indigenous RISC-V Controller for Space Applications) चिप विकसित की गई है।
  • इसे IoT और सामरिक जरूरतों वाले कंप्यूट सिस्टम में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसरो के लिए सेमीकंडक्टर के स्वदेशीकरण के प्रयास के तहत इस चिप को कमांड और कंट्रोल सिस्टम सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए विकसित किया गया है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी लक्ष्यों से जुड़ा हुआ है।
  • इसरो की इनर्शियल सिस्टम्स यूनिट (IISU), तिरुवनंतपुरम ने 64-बिट RISC-V आधारित नियंत्रक की अवधारणा प्रस्तुत की और आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर इसके विनिर्देश और डिज़ाइन को परिभाषित किया।
  • IRIS चिप की विशेषताएँ –
  • यह इसरो के मौजूदा सेंसर और सिस्टम की कंप्यूटिंग आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित की गई है।
  • फॉल्ट-टॉलरेंट इंटरनल मेमोरीज़ को SHAKTI कोर से जोड़ा गया, जिससे इसकी विश्वसनीयता बढ़ी।
  • अंतरिक्ष प्रणालियों में उपयोग होने वाले CORDIC, वॉचडॉग टाइमर और उन्नत सीरियल बस जैसी कस्टम कार्यात्मक और पेरिफेरल इंटरफेस मॉड्यूल को जोड़ा गया।

लेखक- विजय प्रताप सिंह 

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.indiatoday.in/education-today/news/story/iit-madras-and-isro-develop-shakti-based-semiconductor-chip-under-make-in-india-2678241-2025-02-11

https://www.thehindu.com/news/national/tamil-nadu/iit-madras-develops-indigenous-shakti-semiconductor-chip-for-isro/article69206782.ece