विमान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025

विमान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025

प्रश्न – विमान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025 से संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए––
(i) यह विधेयक केप टाउन सम्मेलन, 2001 की रूपरेखा पर आधारित है जिसे भारत ने वर्ष 2008 में अपनाया था।
(ii) विधेयक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को कन्वेंशन के लिए रजिस्ट्री प्राधिकरण के रूप में नामित करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1 (b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों (d) उपरोक्त सभी
उत्तर – (c)

व्याख्यात्मक उत्तर

  • 3 अप्रैल, 2025 को लोकसभा द्वारा “विमान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक, 2025” पारित किया गया।
  • इससे पहले यह विधेयक 1अप्रैल, 2025 को राज्यसभा में पारित हो चुका था।
  • इसका उद्देश्य भारत के विमान पट्टे और वित्तपोषण तंत्र को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है तथा निवेशकों के विश्वास को और अधिक गहरा करना है।
  • यह विधेयक केप टाउन सम्मेलन, 2001 की रूपरेखा पर आधारित है जिसे भारत ने वर्ष 2008 में अपनाया था।
  • अभी तक कानूनी प्रवर्तन की कमियों के कारण भारत में विमान पट्टे की लागत अन्य देशों की तुलना में 8 से 10 प्रतिशत अधिक थी।
  • अब इस विधेयक के माध्यम से इन कानूनी खामियों को दूर कर वित्तीय स्पष्टता और कम लागत सुनिश्चित की जाएगी।
  • विधेयक केंद्र सरकार को कन्वेंशन और प्रोटोकॉल के प्रावधानों को लागू करने के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है।
  • विधेयक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को कन्वेंशन के लिए रजिस्ट्री प्राधिकरण के रूप में नामित करता है।
  • यह विधेयक डीजीसीए को अधिकार देता है कि वह कन्वेंशन को लागू करने के लिए निर्देश जारी कर सकता है।
  • देनदारों को बकाये का रिकॉर्ड डीजीसीए को जमा करना होगा।

लेखक- विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2118797

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