प्रश्न – वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) भारत की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता ने 100 गीगावॉट का आंकड़ा पार कर लिया।
(b) वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 25 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा की वृद्धि हुई, जो वित्त वर्ष 24 की तुलना में 35% अधिक है।
(c) सौर पीवी सेल निर्माण क्षमता मार्च 2025 तक घटकर 9 गीगावॉट रह गई।
(d) पीएम कुसुम योजना के तहत वित्त वर्ष 25 में 4.4 लाख सौर पंप स्थापित किए गए।
उत्तर – (c)
व्याख्यात्मक उत्तर
- भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।
- इस वित्त वर्ष देश में रिकॉर्ड 25 गीगावॉट (GW) नवीकरणीय ऊर्जा की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 35% अधिक है (वित्त वर्ष 24 में 18.57 गीगावॉट)।
- सौर ऊर्जा क्षेत्र में वित्त वर्ष 24 के 15 गीगावॉट से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में लगभग 21 गीगावॉट की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज हुई, जो 38% की वृद्धि है।
- इसी के साथ भारत की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 100 गीगावॉट के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गई है।
- सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता मार्च 2024 में 38 गीगावॉट से बढ़कर मार्च 2025 में 74 गीगावॉट हो गई है
- सौर पीवी सेल निर्माण क्षमता 9 गीगावॉट से बढ़कर 25 गीगावॉट हो गई है
- देश की पहली पिंड-वेफर विनिर्माण सुविधा (2 GW) में वित्तीय वर्ष 25 में उत्पादन शुरू हो गया है।
- उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिये उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 41,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जिससे लगभग 11,650 लोगों के लिये प्रत्यक्ष रोज़गार सृजित हुए है।
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 31 मार्च 2025 तक 11.01 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं।
- 6.98 लाख लाभार्थियों को 5,437.20 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
- छत पर सौर संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा दिया गया है।
- ग्रीन हाइड्रोजन मिशन में बड़ी प्रगति हासिल हुई है।
- 1,500 मेगावॉट प्रति वर्ष इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण हेतु 2,220 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन दिए गए।
- 4.5 लाख टन-प्रति वर्ष (टीपीए) ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अतिरिक्त 2,239 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत इस्पात क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए सात पायलट परियोजनाओं को 454 करोड़ रुपये के साथ वित्त पोषित किया गया था।
- पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत घटक बी में वित्तीय वर्ष 25 में 4.4 लाख पंप स्थापित किए गए थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.2 गुना अधिक है।
- कंपोनेंट सी में, 2.6 लाख पंपों को सोलराइज्ड किया गया, जो वित्तीय वर्ष 24 की तुलना में 25 गुना अधिक है
- इस योजना के अंतर्गत स्थापित/सौर ऊर्जा पंपों की कुल संख्या अब 10 लाख से अधिक हो गई है।
- पीएम-कुसुम के लिए वित्तीय व्यय पिछले वर्ष की तुलना में 268 प्रतिशत बढ़कर 2,680 करोड़ रुपये हो गया।
- वित्तीय वर्ष 25 में भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने ऋण मंज़ूरियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो 47,453 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि ऋण भुगतान 20 प्रतिशत बढ़कर 30,168 करोड़ रुपये हो गया।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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