“वाटर हाईवे” परियोजना

प्रश्न – मोरक्को की “वाटर हाईवे” परियोजना के तहत किन दो प्रमुख शहरों को पेयजल की आपूर्ति की जा रही है?
(a) रबात और टंगियर (b) कैसाब्लांका और फेज़
(c) रबात और कैसाब्लांका (d) माराकेश और रबात
उत्तर – (c)


व्याख्यात्मक उत्तर

  • मार्च 2025 की शुरुआत तक मोरक्को ने “वाटर हाईवे” नामक परियोजना के तहत रबात और कैसाब्लांका को 700 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक पानी पहुँचाया है।
  • यह परियोजना सेबौ नदी से अधिशेष जल को पुनर्निर्देशित करती है ताकि रबात और कैसाब्लांका को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके।
  • यह पहल जलवायु परिवर्तन और लंबे समय तक सूखे के कारण गंभीर जल संकट को देखते हुए की गई है।
  • मोरक्को ने अब तक 728 मिलियन डॉलर खर्च कर इस परियोजना के तहत सेबौ नदी के अतिरिक्त जल को राजधानी रबात और औद्योगिक केंद्र कासाब्लांका तक पहुँचाया है।
  • भविष्य में यह विस्तार माराकेश जैसे दक्षिणी शहरों तक किया जाएगा।
  • इस परियोजना ने लगभग 1.2 करोड़ लोगों को जल संकट से बचाया है।
  • वर्ष 2023 के अंत में, राजधानी रबात का मुख्य जलाशय सूखने के कगार पर था, जिससे यह संकट और भी तीव्र हो गया था।
  • केनित्रा शहर में एक डायवर्ज़न डैम बनाकर सेबौ नदी का जल समुद्र में गिरने से पहले रोका जाता है।
  • यह जल 67 किलोमीटर लंबे भूमिगत नहर के ज़रिए शुद्ध कर रबात और कासाब्लांका तक पहुँचाया जाता है।
  • अगस्त 2024 में उद्घाटन के बाद से मार्च 2025 तक यह प्रणाली 700 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक पेयजल की आपूर्ति कर चुकी है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले वर्षों में उत्तरी नदियों में जल अधिशेष कम हो सकता है।
  • पिछले छह वर्षों से लगातार सूखे के कारण देश में पहले ही गंभीर जल संकट है।
  • 1980 के दशक में औसत जल उपलब्धता जहाँ 18 बिलियन क्यूबिक मीटर थी, वहीं अब यह घटकर 5 बिलियन पर आ गई है।

लेखक- विजय प्रताप सिंह 

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.thehindu.com/sci-tech/energy-and-environment/morocco-water-highway-averts-crisis-in-cities-amid-doubts-over-sustainability/article69395760.ece