प्रश्न-भारत के राष्ट्रपति से संबंधित निम्न तथ्यों पर विचार कीजिए-
(i) राष्ट्रपति के निर्वाचन से उत्पन्न या संसक्त सभी शंकाओं और विवादों की जांच और विनिश्चय निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाएगा।
(ii) राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर निर्वाचक मंडल के कम से कम 50 सदस्यों के प्रस्तावकों के रूप में तथा कम से कम 50 सदस्यों के अनुसमर्थकों के रूप में हस्ताक्षर होने आवश्यक हैं।
(iii) राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित तथा मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं।
(iv) राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल (ii) एवं (iv)
(b) केवल (i) एवं (iv)
(c) केवल (i), (ii) एवं (iii)
(d) केवल (iv)
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 20 जुलाई, 2017 को भारत के 15वें राष्ट्रपतीय चुनाव के परिणाम घोषित हुए।
- जिसमें राष्ट्रीय जनजांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार एवं बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद 65.65 प्रतिशत (702044) वोट प्राप्त कर देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।
- उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया, जिन्हें लगभग 34.35 प्रतिशत (367314) वोट मिले।
- रामनाथ कोविंद को 25 जुलाई, 2017 को भारत के मुख्यन्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी जाएगी।
- इस पद पर वह प्रणब मुखर्जी का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 24 जुलाई, 2017 को समाप्त हो रहा है।
- रामनाथ कोविंद का जन्म वर्ष 1945 में उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के परौंख गांव में हुआ था।
- उन्होंने 16 वर्षों तक दिल्ली उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में वकालत की।
- वर्ष 1977-1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में तथा वर्ष 1980 से 1993 तक उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार के अधिवक्ता रहे।
- वह वर्ष 1994-2006 तक राज्यसभा सदस्य रहे।
- इसके अलावा वह वर्ष 1998 से 2002 तक भारतीय जनता पार्टी के दलित मोर्चा के अध्यक्ष रहे।
- वह अगस्त, 2015-20 जून, 2017 तक बिहार के राज्यपाल रहे।
- भारतीय सांविधानिक व्यवस्था में राष्ट्रपति का पद सर्वाधिक सम्मानित, प्रतिष्ठापूर्ण एवं गरिमामय होता है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत का एक राष्ट्रपति होगा तथा अनुच्छेद 53 (1) के तहत संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है।
- अनुच्छेद 77 (1) के अनुसार, भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका की कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से की हुई कही जाती है।
- अनुच्छेद 53 (2) के तहत संघ के रक्षा बलों का सर्वोच्च कमांड भी राष्ट्रपति में निहित होता है।
- इस प्रकार, भारत गणराज्य का राज्याध्यक्ष (Head of State) राष्ट्रपति होता है।
- भारत के 14वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 15वें राष्ट्रपतीय चुनाव संबंधी अधिसूचना 14 जून, 2017 को जारी की गई।
- निर्र्वाचन आयोग द्वारा इस चुनाव के लिए लोकसभा के महासचिव अनूप मिश्र को निर्वाचन अधिकारी (Returning Officer) नियुक्त किया गया था।
- चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई, 2017 को हुआ।
- संविधान के अनुच्छेद 55 (3) के तहत राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है।
- अनुच्छेद 54 के तहत राष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचक मंडल (Electoral College) के सदस्य करते हैं जिसमें
(i) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य,
(ii) राज्यों की विधानसभाओं (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभाओं सहित) के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। - लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल नहीं होते हैं।
- 70वें संविधान संशोधन, 1992 द्वारा दो केंद्रशासित राज्यों एनसीआर दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभाओं के सदस्य राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में शामिल किए गए।
- संविधान के अनु. 324 के तहत संसद और प्रत्येक राज्य विधानमंडल के साथ-साथ राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिए भी निर्वाचनों का अधीक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण भारत के निर्वाचन आयोग में निहित है।
- राष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी विधि एवं प्रक्रिया (सांविधानिक व्यवस्था के अतिरिक्त) ‘राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952’ (यथा संशोधित) तथा ‘राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन नियम, 1974 में वर्णित है।
- राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर निर्वाचक मंडल के कम से कम 50 सदस्यों के प्रस्तावकों के रूप में तथा कम से कम 50 सदस्यों के अनुसमर्थकों के रूप में हस्ताक्षर होने आवश्यक हैं।
- जहां तक राष्ट्रपतीय चुनाव में उम्मीदवारी के लिए पात्रता का प्रश्न है, संविधान के अनुच्छेद 58 में किसी व्यक्ति के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं दी गई हैं-
- अनुच्छेद 58 (1) के तहत कोई व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा, जब वह-
(i) भारत का नागरिक हो,
(ii) 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो,
(iii) लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित हो। - अनुच्छेद 58 (2) विहित है कि कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन अथवा उक्त सरकारों में से किसी के नियंत्रण में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र नहीं होगा।
- तथापि अनुच्छेद 58 के प्रयोजनों के लिए कोई व्यक्ति केवल इस कारण कोई लाभ का पद धारण करने वाला नहीं समझा जाएगा कि वह संघ का राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल अथवा संघ का या किसी राज्य का मंत्री है।
- संविधान के अनुच्छेद 71(1) के अनुसार, राष्ट्रपति या उप-राष्ट्रपति के निर्वाचन से उत्पन्न या संसक्त सभी शंकाओं और विवादों की जांच और विनिश्चय उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाएगा और उसका विनिश्चय अंतिम होगा।
- किंतु यदि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति का निर्वाचन न्यायालय द्वारा शून्य घोषित कर दिया जाता है तो उसके द्वारा अपने पद की शक्तियों के प्रयोग किए गए कार्य अमान्य नहीं होगे।
- भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों में डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक मात्र ऐसे व्यक्ति रहे हैं जो दो बार (वर्ष 1952 एवं 1957 में) राष्ट्रपति पद हेतु निर्वाचित हुए।
- जबकि ए. संजीव रेड्डी ही अब तक इस पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने वाले (वर्ष 1977) अकेले व्यक्ति रहे।
संबंधित लिंक
http://eci.nic.in/eci_main1/current/Result_20072017.pdf
http://eci.nic.in/eci_main1/current/PN60_17072017.pdf
http://eci.nic.in/eci_main1/current/PN48_hindi_07062017.pdf
http://eci.nic.in/eci_main1/current/PN48_07062017.pdf
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=165610
http://rajyasabha.nic.in/rsnew/pre_member/1952_2003/k.pdf