प्रश्न – 7 फ़रवरी ‚ 2025 को जारी मौद्रिक नीति वक्तव्य‚ 2024-25 से संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1.मौद्रिक नीति समिति द्वारा रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया
2. इसके अनुसार‚ वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी संवृद्धि 6.7 प्रतिशत अनुमानित है
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (1) (b) केवल (2)
(c) (1) एवं (2) दोनों (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (b)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 7 फ़रवरी, 2025 को भारतीय रिवर्ज बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति ने मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2024-25 जारी किया।
- आरबीआई ने रेपो दर में 25 आधार अंक की कमी की है।
- लगभग 5 वर्षों के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत रेपो दर में कटौती की है
- इस प्रकार, अब रेपो दर 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत हो गई है।
- परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 6.00 प्रतिशत तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 प्रतिशत है
- अन्य दरे इस प्रकार है –
- प्रत्यावर्ती रेपो दर — 3.35 प्रतिशत
- सीआरआर — 4. प्रतिशत
- एसएलआर — 18 प्रतिशत
- इसके अनुसार‚ वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी संवृद्धि 6.7 प्रतिशत अनुमानित है
- वर्ष 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए श्री मल्होत्रा ने यह भी घोषणा की कि, भारतीय बैंकों के लिए रिजर्व बैंक ‘bank.in’ एक्सक्लूसिव इंटरनेट डोमेन लागू करेगा।
- इस डोमेन नाम का पंजीकरण इस साल अप्रैल से शुरू होगा।
- इसके बाद वित्तीय क्षेत्र के लिए ‘fin.in’ डोमेन लागू किया जाएगा।\
- बैंकिंग और भुगतान प्रणाली में डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने के लिए, RBI ने ऑफशोर व्यापारियों को किए जाने वाले ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय डिजिटल भुगतानों के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जो इस तरह के प्रमाणीकरण के लिए सक्षम हैं।
- रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित बाजारों के व्यापार और निपटान समय की व्यापक समीक्षा करने के लिए एक कार्य समूह की भी घोषणा की गयी।
- रेपो रेट क्या है? —
- यह वह दर होती है, जिस पर आरबीआई व्यावसायिक बैंकों को लोन देता है
- जब यह दर बढ़ती है, तो बैंकों को आरबीआई से प्राप्त होने वाला लोन महंगा हो जाता है
- जिससे ग्राहकों को मिलने वाले होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि महंगे हो जाते हैं
- आरबीआई महंगाई में कमी लाने के लिए बाजार में रुपये की तरलता (Liquidity) को घटाता है
- ऐसा वह रेपो रेट बढ़ाकर करता है
- प्रत्यावर्ती रेपो दर क्या है? —यह वह दर है, जिस पर आरबीआई व्यावसायिक बैंकों से ऋण लेता है
- नकद आरक्षित अनुपात क्या है? यह जमा राशि का वह भाग होता है, जो बैंकों को आरबीआई के पास रखना अनिवार्य है
लेखक- विवेक त्रिपाठी
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