प्रश्न – 22 अक्टूबर, 2025 को भारतीय सेना के महानिदेशक (इन्फैंट्री) लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भैरव बटालियन के गठन से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
(a) भारत अगले छह महीनों में 25 भैरव बटालियन गठित करने की योजना बना रहा है।
(b) भैरव बटालियनें केवल विशेष बल (Special Forces) के
अंतर्गत गठित की जा रही हैं।
(c) प्रत्येक भैरव बटालियन में लगभग 250 कर्मी होंगे।
(d) पाँच भैरव बटालियन पहले ही गठित और तैनात की जा चुकी हैं।
उत्तर – (b)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 22 अक्टूबर, 2025 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री शाखा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने जानकारी प्रदान की कि भारत अगले छह महीनों में 25 भैरव बटालियनें गठित करने की योजना बना रहा है।
- इस बटालियन के गठन का उद्देश्य चीन और पाकिस्तान के साथ लगती सीमाओं पर परिचालन क्षमता बढ़ाना है।
- इन इकाइयों के सैनिक नियमित पैदल सेना और विशेष बलों के बीच सेतु का काम करेंगे।
- उन्हें अचानक हमले, आतंकवाद विरोधी और सीमा पर गश्त जैसे उच्च-प्रभाव वाले अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- पाँच बटालियनें पहले ही गठित और तैनात की जा चुकी हैं।
- प्रत्येक भैरव बटालियन में लगभग 250 कर्मी होते हैं, जो संरचना और क्षमता दोनों के मामले में इन्फैंट्री और विशेष बल बटालियन के बीच स्थित होते हैं।
- भैरव कमांडो विशेष बलों के समान होंगे , जिनमें प्रत्येक भैरव बटालियन को परिचालन क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित और नियुक्त किया जाएगा।
- भैरव बटालियन की खासियत इसकी एकीकृत संरचना है।
- इनमें सिर्फ़ सेना की पैदल सेना ही नहीं, बल्कि सिग्नल, आर्मी एयर डिफेंस और आर्टिलरी रेजिमेंट भी शामिल होंगी,
- सेना अपनी पैदल सेना बटालियनों में अश्नी (अग्नि) प्लाटून भी तैयार कर रही है , जो ड्रोन अभियानों के लिए ज़िम्मेदार होंगी।
- इससे पहले, सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने सर्व-शस्त्र रुद्र ब्रिगेड, दिव्यास्त्र बैटरी और शक्तिबाण इकाइयों जैसे नए गठन की घोषणा की थी।
- रुद्र ब्रिगेड पूर्णतः हथियारों से लैस इकाई होगी, जिसमें पैदल सेना, मशीनीकृत इकाइयां, टैंक, तोपखाना, विशेष बल और मानव रहित हवाई प्रणालियां शामिल होंगी, तथा समर्पित रसद और युद्ध सहायता भी होगी।
- इसके अलावा, शक्तिबाण इकाइयों को पूरी तरह से मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- प्रत्येक शक्तिबाण रेजिमेंट में तीन बैटरियाँ होंगी, जिनमें से दो लंबी और मध्यम दूरी के लोइटरिंग हथियारों से लैस होंगी और तीसरी स्वॉर्म ड्रोन और रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) से लैस होगी।
- दिव्यास्त्र बैटरियों का प्राथमिक लक्ष्य तोपखाने की मारक क्षमता और संचालन प्रभावशीलता को बढ़ाना है।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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