प्रश्न – भारत की पहली फेरेट अनुसंधान सुविधा के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. 3 फरवरी, 2025 को फ़रीदाबाद, हरियाणा में स्थित ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) के एनसीआर बायोटेक साइंस क्लस्टर में आयोजित कार्यक्रम में भारत की पहली फेरेट अनुसंधान सुविधा का लोकार्पण किया गया।
2. यह सुविधा वैक्सीजन विकास, चिकित्सा परीक्षण और उभरती संक्रामक बीमारियों पर अनुसंधान में अहम भूमिका निभाएगी, जिससे भारत की महामारी तैयारी रणनीति मजबूत होगी और देश को वैश्विक वैज्ञानिक प्रयासों में अग्रणी स्थान मिलेगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i) (b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (iii) दोनों (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (c)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 3 फरवरी, 2025 को फ़रीदाबाद, हरियाणा में स्थित ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) के एनसीआर बायोटेक साइंस क्लस्टर में आयोजित कार्यक्रम में भारत की पहली फेरेट अनुसंधान सुविधा का लोकार्पण किया गया।
- नवउद्घाटित टीएचएसटीआई फेरेट अनुसंधान सुविधा, उच्चतम जैव सुरक्षा और अनुसंधान मानकों के अनुरूप एक अत्याधुनिक प्रतिष्ठान है।
- यह सुविधा भारत के संक्रामक और गैर-संक्रामक बीमारियों से लड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
- यह सुविधा वैक्सीजन विकास, चिकित्सा परीक्षण और उभरती संक्रामक बीमारियों पर अनुसंधान में अहम भूमिका निभाएगी, जिससे भारत की महामारी तैयारी रणनीति मजबूत होगी, और देश को वैश्विक वैज्ञानिक प्रयासों में अग्रणी स्थान मिलेगा।
- इस अवसर पर टीएचएसटीआई ने मेसर्स संद्योता नुमान्डीस प्रोबायोस्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड (Sundyota Numandis Probioceuticals Pvt. Ltd) के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते को निष्पादित किया।
- इस समझौते के तहत टीएचएसटीआई के अभिनव, आनुवंशिक रूप से परिभाषित सिंथेटिक माइक्रोबियल कंसोर्टियम, लैक्टोबैसिलस क्रिस्पैटस (Lactobacillus crispatus), का व्यावसायिक उपयोग होगा।
- यह कंसोर्टियम गर्भिणी समूह (GARBH-INi cohort) में शामिल महिलाओं के प्रजनन मार्गों से प्राप्त किया गया था।
- इसका उपयोग न्यूट्रास्यूटिकल्स के रूप में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोबायोम-आधारित हस्तक्षेपों में किया जा सकता है।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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