प्रश्न – भारत की पहली नदी डॉल्फिन गणना रिपोर्ट के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1.इस रिपोर्ट के अनुसार,देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है।
2.उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक डॉल्फिन दर्ज की गईं, इसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i) (b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (c)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 3 मार्च, 2025 को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी की।
- इस रिपोर्ट के अनुसार,देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है।
- यह सर्वेक्षण 8 राज्यों की 28 नदियों में किया गया, जिसमें 3150 मानव-दिनों के प्रयास से 8,500 किलोमीटर की दूरी कवर की गई।
- उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक डॉल्फिन दर्ज की गईं, इसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा।
- प्रधानमंत्री ने स्थानीय समुदायों और गांवों को संरक्षण में शामिल करने पर जोर दिया और विद्यालयी छात्रों के लिए डॉल्फिन आवास क्षेत्रों के भ्रमण की योजना बनाने की सलाह दी।
- प्रधानमंत्री द्वारा जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी गई।
- यह केंद्र वन्यजीव स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन का प्रमुख केंद्र होगा।
- वर्ष 2025 में एशियाई शेरों की 16वीं जनगणना आयोजित की जाएगी।
- बर्दा वन्यजीव अभयारण्य में शेरों की प्राकृतिक संख्या बढ़ने के कारण, वहां शिकारियों की संख्या बढ़ाने और पर्यावास सुधार कार्यों की घोषणा की गई।
- कोयंबटूर के सलीम अली पक्षीविज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केंद्र (SACON) में मानव-वन्यजीव संघर्ष समाधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना होगी।
- यह केंद्र राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नवीनतम तकनीक, ट्रैकिंग उपकरण, पूर्वानुमान प्रणाली और घुसपैठ पहचान प्रणालियों से लैस करने में मदद करेगा।
- प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य और गुजरात के बन्नी घासभूमि में चीता पुनर्वास परियोजना का विस्तार करने की घोषणा की।
- घड़ियालों की घटती संख्या को देखते हुए, नए घड़ियाल संरक्षण परियोजना की शुरुआत की जाएगी।
- प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय गोडावण संरक्षण कार्य योजना की घोषणा की, जिससे इस संकटग्रस्त पक्षी की संख्या बढ़ाने और संरक्षण प्रयासों को गति देने का लक्ष्य रखा गया।
लेखक- विवेक त्रिपाठी
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