प्रश्न- हाल ही में भारतीय विधि आयोग (Law Commission of India) ने मृत्यु दण्ड (The Death penality) से संबंधित अपनी 262 वीं रिपोर्ट जारी की। इस आयोग के अध्यक्ष हैं-
(a) न्यायमूर्ति डी. के. जैन
(b) न्यायमूर्ति अजित प्रकाश शाह
(c) न्यायमूर्ति अशोक गांगुली
(d) न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा
उत्तर (b)
संबंधित तथ्य
- 31 अगस्त, 2015 को भारतीय विधि आयोग (Law Commission of India) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अजित प्रकाश शाह ने मृत्यु दण्ड (The Death Penality) से संबंधित 262वीं रिपोर्ट जारी की।
- विधि आयोग ने ‘‘द डेथ पेनाल्टी’’ (The Death Penalty) शीर्षक से जारी 262 वीं रिपोर्ट में सिफारिश की है कि आतंकवाद तथा देश पर हमले जैसे मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों पर मृत्यु-दण्ड को तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए।
- महत्वपूर्ण है कि इस सिफारिश के साथ विधि आयोग ने मृत्यु-दण्ड पर अपने पूर्व के रुख से भिन्न सिफारिश दी है।
- ज्ञातव्य है कि वर्ष 1967 में विधि आयोग ने अपनी 35वीं रिपोर्ट में मृत्यु-दण्ड को कायम रखने की सिफारिश की थी।
- उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने बच्चन सिंह बनाम भारत संघ (A.I.R. 1980 SC 898) के मामले में मृत्यु दण्ड की संवैधानिकता स्थापित करते हुए कहा कि यह केवल ‘विरलतम से विरलतम मामलों’ (rarest of rare cases) में ही दिया जाएगा।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://lawcommissionofindia.nic.in/reports/Report262.pdf
http://www.thehindu.com/news/national/deterrence-is-a-myth-says-law-commission/article7600854.ece