बायोलम्पिवैक्सिन

प्रश्न – बायोलम्पिवैक्सिन के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1.10 फरवरी, 2025 को भारत बायोटेक समूह की कंपनी बायोवेट ने घोषणा की कि डेयरी मवेशियों और भैंसों के लिए लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) वैक्सीन, बायोलम्पिवैक्सिन, जो दुनिया की सबसे सुरक्षित और टीकाकृत पशुओं से संक्रमित को अलग करने वाली (डीआईवीए) मार्कर वैक्सीन है, को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
2. यह लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के लिए दुनिया की एकमात्र मार्कर वैक्सीन है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) केवल (i) एवं (ii) दोनों
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (c)


व्याख्यात्मक उत्तर

  • 10 फरवरी, 2025 को भारत बायोटेक समूह की कंपनी बायोवेट ने घोषणा की, कि डेयरी मवेशियों और भैंसों के लिए लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) वैक्सीन, बायोलम्पिवैक्सिन, जो दुनिया की सबसे सुरक्षित और टीकाकृत पशुओं से संक्रमित को अलग करने वाली (डीआईवीए) मार्कर वैक्सीन है, को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
  • जल्द ही लॉन्च होने वाली बायोलम्पिवैक्सिन एलएसडी के लिए दुनिया की एकमात्र मार्कर वैक्सीन है।
  • यह उच्च सुरक्षा और प्रभावकारिता प्रोफ़ाइल प्रदान करती है, जबकि इसमें DIVA (Differentiating Infected from Vaccinated Animals)अवधारणा के साथ स्वाभाविक रूप से संक्रमित और टीका लगाए गए जानवरों के बीच सीरोलॉजिकल भेदभाव को सक्षम किया गया है।
  • इस नए स्वदेशी लाइव-एटेन्यूएटेड मार्कर वैक्सीन को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (आईसीएआर-एनआरसीई), हिसार के एलएसडी वायरस/रांची/2019 वैक्सीन स्ट्रेन का उपयोग करके विकसित किया गया है।
  • वैक्सीन की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता का आईसीएआर-एनआरसीई, हिसार और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई)),इज्जतनगर में बड़े पैमाने पर परीक्षण किया गया है।
  • बायोवेट हर साल 500 मिलियन (50 करोड़) खुराक का उत्पादन करने की योजना बना रहा है।
  • बायोलम्पिवैक्सिन एक एकल टीकाकरण है जो 3 महीने से अधिक उम्र के मवेशियों और भैंसों को साल में एक बार लगाया जाता है।
  • इसे फ्रीज-ड्राइड रूप में उपलब्ध कराया गया है, जो 2°C से 80°C तक स्थिर रहता है।
  • यह 25 से 100 खुराक वाले मल्टी-डोज वायल में उपलब्ध होगा।
  • पिछले दो वर्षों में, देश भर में लम्पी स्किन डिजीज (LSD) के कारण लगभग 200,000 मवेशी मर चुके हैं, और लाखों अन्य अपनी दूध उत्पादन क्षमता खो चुके हैं।
  • भारत में वर्ष 2019 में पहली बार लम्पी स्किन डिजीज (LSD) की पुष्टि हुई।

लेखक- विजय प्रताप सिंह 

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.business-standard.com/companies/news/biovet-s-lsd-vaccine-for-lumpy-skin-disease-gets-cdsco-s-approval-125021000593_1.html

https://www.hindustantimes.com/india-news/bharat-biotech-s-biovet-lumpy-skin-disease-vaccine-gets-cdsco-approval-101739185791289.html

https://atariz1.icar.gov.in/pdf/Lumpy%20Skin%20Disease.pdf