प्रश्न – अप्रैल, 2025 में किन दो संस्थानों ने “निवेशक दीदी” पहल के दूसरे चरण को शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए हैं?
(a) भारतीय रिज़र्व बैंक और नाबार्ड
(b) इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए)
(c) सेबी और वित्त मंत्रालय
(d) नीति आयोग और डाक विभाग
उत्तर – (b)
व्याख्यात्मक उत्तर
- अप्रैल, 2025 में कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अंतर्गत निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) और डाक विभाग के अंतर्गत संचालित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने “निवेशक दीदी” पहल के दूसरे चरण को शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए हैं।
- यह साझेदारी ग्रामीण, अर्ध-शहरी और कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर वित्तीय साक्षरता बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगी।
- “निवेशक दीदी” एक अनूठी पहल है, जो महिला डाक कर्मचारियों और सामुदायिक नेताओं को स्थानीय क्षेत्रों में वित्तीय शिक्षकों के रूप में प्रशिक्षित करती है। – पहले चरण के दौरान आईपीपीबी द्वारा पूरे भारत में आयोजित वित्तीय साक्षरता शिविरों में 55,000 से अधिक लाभार्थियों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 60% महिलाएं थीं।
- पहले चरण की सफलता के आधार पर, इस नए चरण में पूरे भारत में 4,000 से अधिक वित्तीय साक्षरता शिविर लगाए जाएंगे।
- इन शिविरों का नेतृत्व निवेशक दीदी के रूप में प्रशिक्षित लगभग 40,000 महिला डाक कर्मचारी करेंगी।
- ये दीदियाँ जिम्मेदार निवेश, धोखाधड़ी से बचाव, बचत की आदतें और डिजिटल बैंकिंग के बारे में जानकारी देंगी।
- निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी), डाक विभाग के अंतर्गत, सरकार द्वारा 100% स्वामित्व वाली इकाई है।
- यद्यपि कि इसकी स्थापना 1 सितंबर, 2018 को हुई थी।
- इसका उद्देश्य है, बैंकिंग को किफायती, भरोसेमंद और हर व्यक्ति के लिए सुलभ बनाना। यह बैंक ~1.65 लाख डाकघरों और ~3 लाख डाककर्मियों के नेटवर्क के माध्यम से भारत के हर गाँव और कस्बे तक सेवाएँ पहुँचाता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य एक नकदी रहित और डिजिटल भारत की दिशा में कार्य करना है।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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