प्रश्न – “तीसरे लॉन्च पैड” की स्थापना के संबंध में विकल्प में कौन -सा तथ्य सही नहीं है?
(a) 16 जनवरी, 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (ISRO) में तीसरे लॉन्च पैड (TLP) की स्थापना को मंजूरी प्रदान की।
(b) यह लॉन्च पैड दूसरे लॉन्च पैड (SLP) के लिए भी बैकअप के रूप में कार्य करेगा।
(c) 24 महीनों (2 वर्षों) के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
(d) इस परियोजना के लिए कुल खर्च 3984.86 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें लॉन्च पैड और संबंधित सुविधाओं की स्थापना शामिल है।
उत्तर – (c)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 16 जनवरी, 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (ISRO) में तीसरे लॉन्च पैड (TLP) की स्थापना को मंजूरी प्रदान की।
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य श्रीहरिकोटा में अगले पीढ़ी के लॉन्च वाहन (Next Generation Launch Vehicles – NGLV) के लिए लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करना है।
- यह लॉन्च पैड दूसरे लॉन्च पैड (SLP) के लिए भी बैकअप के रूप में कार्य करेगा।
- इसके अलावा, यह भविष्य के भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए लॉन्च क्षमता बढ़ाने में सहायक होगा।
- तीसरे लॉन्च पैड को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह NGLV के साथ-साथ LVM3 वाहनों (जो सेमीक्रायोजेनिक स्टेज के साथ होते हैं) और NGLV के बड़े संस्करणों को भी सपोर्ट कर सके।
- 48 महीनों (4 वर्षों) के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- इस परियोजना के लिए कुल खर्च 3984.86 करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसमें लॉन्च पैड और संबंधित सुविधाओं की स्थापना शामिल है।
- यह परियोजना भारतीय अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगी, जिससे उच्च लॉन्च आवृत्तियाँ और मानव अंतरिक्ष उड़ान एवं अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों को समर्थन मिलेगा।
- वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली पूरी तरह से दो लॉन्च पैड्स (पहला लॉन्च पैड – FLP और दूसरा लॉन्च पैड – SLP) पर निर्भर है।
- FLP को 30 वर्ष पहले PSLV के लिए स्थापित किया गया था और यह PSLV एवं SSLV के लिए लॉन्च समर्थन प्रदान करता है।
- SLP को मुख्य रूप से GSLV और LVM3 के लिए स्थापित किया गया था और यह PSLV के लिए भी बैकअप के रूप में कार्य करता है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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