प्रश्न – निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य तिरुपति–पकाला–कटपडी रेल दोहरीकरण परियोजना के संबंध में सही नहीं है?
(a) यह परियोजना आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों से होकर गुजरती है।
(b) यह परियोजना लगभग 104 किमी लंबी है और इससे भारतीय रेल नेटवर्क में 113 किमी की वृद्धि होगी।
(c) यह परियोजना कुल 1332 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लागू की जा रही है।
(d) इस परियोजना से प्रतिवर्ष 8 मिलियन टन माल ढुलाई की अतिरिक्त क्षमता उत्पन्न होगी।
उत्तर – (d)
व्याख्यात्मक उत्तर
- 9 अप्रैल, 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने तिरुपति-पकाला-कटपडी एकल रेलवे लाइन खण्ड (104 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी प्रदान कर दी है।
- यह रेलखंड आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों से होकर गुजरता है।
- इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1332 करोड़ रुपये है।
- इस परियोजना से यात्रा सुविधा में सुधार होगा, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, तेल आयात कम होगा और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे स्थायी और कुशल रेल परिचालन को बढ़ावा मिलेगा।
- यह परियोजना तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर, श्रीकालहस्ती शिव मंदिर, कनीपक्कम विनायक मंदिर, तथा चंद्रगिरी किला जैसे तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को बेहतर रेल संपर्क प्रदान करेगी।
- मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से करीब 400 गांवों और लगभग 14 लाख आबादी के लिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
- तीन जिलों में फैली यह परियोजना, भारतीय रेल नेटवर्क में 113 किमी की वृद्धि करेगी।
- परियोजना निर्माण चरण में 35 लाख मानव-दिनों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा।
- यह पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत योजना का हिस्सा है।
- यह कोयला, कृषि वस्तुओं, सीमेंट और अन्य खनिजों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है।
- क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप 4 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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