प्रश्न – निम्नलिखित में से कौन-सा कथन छत्तीसगढ़ के पहले वन विज्ञान केंद्र, आसना के संबंध में सही नहीं है?
(a) यह केंद्र 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है और वन-आधारित आजीविका का मॉडल बनेगा।
(b) यहाँ स्थानीय लोगों को औद्योगिक खनन तकनीकों और लौह अयस्क प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(c) इस केंद्र में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन और वनोपज के मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(d) केंद्र में मृदा परीक्षण, जल गुणवत्ता विश्लेषण और औषधीय पौधों की गुणवत्ता जांच हेतु प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी।
उत्तर – (b)
व्याख्यात्मक उत्तर
- छत्तीसगढ का पहला वन विज्ञान केंद्र आसना में स्थित आसना पार्क में स्थापित किया जाएगा।
- यह वन विज्ञान केंद्र संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से मात्र पांच किलोमीटर दूर स्थित है।
- 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले आसना वन विज्ञान केंद्र वन आधारित आजीविका को बढ़ावा देने का एक मॉडल बनेगा।
- इस केंद्र में स्थानीय आदिवासियों और वन कर्मियों को कृषि-वानिकी, औषधीय पौधों की खेती, वनोपज के मूल्य संवर्धन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसी नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- यहां सागौन और हल्दी जैसी फसलों के साथ मिश्रित खेती के मॉडल किसानों को आय और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद करेंगे।
- इसके साथ ही यहां सर्पगंधा, अश्वगंधा, ब्राह्मी जैसे पौधों की खेती, जिसमें भंडारण और प्रसंस्करण की तकनीकों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
- इस केंद्र में इमली, गोंद, और महुआ जैसे वनोपज के प्रसंस्करण से लोगों की आय में वृद्धि होगी।
- वन विज्ञान केंद्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिसमें व्याख्यान कक्ष, प्रदर्शन हॉल और प्रशिक्षुओं के लिए आवासीय सुविधाएं रहेंगी।
- साथ ही मृदा परीक्षण, पानी की गुणवत्ता विश्लेषण और औषधीय पौधों की गुणवत्ता जांच के लिए आधुनिक प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी।
- दुर्लभ और संकटग्रस्त वन प्रजातियों के संरक्षण के लिए संरक्षण इकाई भी बनेगी।
- भविष्य में इसे उच्च स्तरीय शोध केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ वन्य उत्पादों के उत्पादन और प्रसंस्करण पर वैज्ञानिक अनुसंधान होगा।
लेखक- विजय प्रताप सिंह
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