चांग’ई-7 मिशन

प्रश्न – चांग’ई-7 मिशन के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-?
1. चांग’ई-7, चीनी अंतरिक्ष एजेंसी (CNSA) का एक प्रमुख मिशन है, जिसका लक्ष्य चंद्रमा का अध्ययन करना है।
2. यह मिशन वर्ष मार्च 2025 में लॉन्च किया जाएगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i) (b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (iii) दोनों (d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (a)


व्याख्यात्मक उत्तर

  • चांग’ई-7, चीनी अंतरिक्ष एजेंसी (CNSA) का एक प्रमुख मिशन है, जिसका लक्ष्य चंद्रमा का अध्ययन करना है।
  • यह मिशन वर्ष 2026 में लॉन्च होने की योजना है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की कक्षा से और सतह से डेटा एकत्र करना है।
  • इस मिशन के तहत कई वैज्ञानिक उद्देश्यों को पूरा किया जाएगा, जो चंद्रमा की आंतरिक संरचना, जल और वाष्पों का अध्ययन, और चंद्रमा के सतह और पर्यावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
  • चांग’ई-7 का पहला उद्देश्य चंद्रमा की आंतरिक संरचना की जानकारी प्राप्त करना है, जिसमें खनिजों और तत्वों की संरचना, विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र, ऊष्मा प्रवाह और गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का अध्ययन शामिल है।
  • मिशन का दूसरा प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा पर जल और वाष्पों का वितरण और स्रोत खोजना है, विशेषकर चंद्र दक्षिणी ध्रुव के पास।
  • यह मिशन जल तथा बर्फ के प्रमाण की खोज करेगा और इसके स्रोत की पुष्टि करेगा।
  • इस मिशन का तीसरा उद्देश्य पृथ्वी के मैग्नेटोटेल में एनेरजेटिक न्यूट्रल पार्टिकल्स की इमेजिंग करना है, ताकि समय, ऊर्जा और स्थानिक सटीकता से उनके बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके।
  • चांग’ई-7 का चौथा उद्देश्य चंद्रमा के सतहीय चुंबकीय क्षेत्र, धूल, और विकिरण का अध्ययन करना है।
  • यह अध्ययन चंद्रमा पर सतहीय चुंबकीय विसंगतियों के कारणों को स्पष्ट करेगा।
  • चांग’ई-7 मिशन में कई प्रमुख घटक शामिल हैं –
  1. रिले उपग्रह – यह उपग्रह चंद्र दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र से संवाद स्थापित करने के लिए उपयोग किया जाएगा और इसमें रेडियो विज्ञान प्रयोग और VLBI (Very Long Baseline Interferometry) माप भी किए जाएंगे।
  2. ऑर्बिटर – यह उपग्रह अन्य घटकों को पृथ्वी-मून ट्रांसफर और ऑर्बिटल ब्रेकिंग के बाद छोड़ने के बाद चंद्रमा की कक्षा से वैज्ञानिक अवलोकन करेगा।
  3. लैंडर – लैंडर चंद्र दक्षिणी ध्रुव के पास एक सॉफ्‍ट लैंडिंग करेगा, जहां यह सात विज्ञान उपकरणों का उपयोग करके सतह पर स्थितियों का अध्ययन करेगा। लैंडर पर एक मिनी-फ्लाइंग प्रोब भी होगा, जो चंद्रमा के स्थायी रूप से छायांकित क्षेत्र में उतरकर वहां से डेटा प्राप्त करेगा।
  4. रोवर – लैंडर के आधार से बाहर निकलकर रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और वहां अपने चार विज्ञान उपकरणों से अन्वेषण करेगा।
  5. मिनी-फ्लाइंग प्रोब – यह प्रोब चंद्रमा के स्थायी छायांकित क्षेत्र में उड़कर वहां कुछ समय तक डेटा संग्रह करेगा और फिर प्रकाशमान क्षेत्र में उड़कर एक विस्तृत अध्ययन करेगा।

लेखक- विजय प्रताप सिंह 

संबंधित लिंक भी देखें…

https://nssdc.gsfc.nasa.gov/nmc/spacecraft/display.action?id=CHANG-E-7