प्रश्न – केंद्रीय बजट‚ 2024-25 से संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. केंद्रीय बजट 2024-25 में कुल व्यय 53.21 लाख करोड़ अनुमानित है
2. कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
3. सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (1) एवं (2)
(b) केवल (2) एवं (3)
(c) केवल (1) एवं (3) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (b)
संबंधित तथ्य –
रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की 5 योजनाएं —
- योजना क- पहली बार वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा।
- योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है।
- योजना ग- नौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 रुपये प्रत्येक महीना भुगतान करेगी।
- कौशल के लिए नई केंद्र प्रायोजित योजना
अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा।
1‚000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। - पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए नई योजना।
‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :
- कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
- विनिर्माण और सेवाएं
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- अवसंरचना
- नवाचार‚ अनुसंधान और विकास‚ और
- अगली पीढ़ी के सुधार
- प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूल
- कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
- किसानों की खेती बाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
- प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा।
- प्राकृतिक खेती के लिए 10‚000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
- प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले‚ योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन‚ योजना ग- नियोक्ताओं को मदद।
- कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए
- औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्थापना।
- कौशल विकास
- प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्र प्रायोजित नई योजना।
- 7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना।
- सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता।
- प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय प्राथमिकता 7: अवसरंचना पूर्वोदय
- अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।
- 21‚400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट का नया विद्युत संयंत्र शामिल।
- प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
- जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास‚ इसमें 63‚000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे।
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं-
- मुद्रा लोन
- ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।
- खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया।
- प्राथमिकता 5: शहरी विकास आवागमन उन्मुखी विकास
- 30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
- शहरी आवास
- प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत‚ 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा।
- स्ट्रीट मार्केट
- अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हॉट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना।
- प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा
- विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति।
- भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।
- उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावॉट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित।
- केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश
- पूंजीगत व्यय के लिए ‘11‚11‚111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान।
- राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)
- 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।
- बिहार में कोसी-मेची अंतरराज्यीय लिंक और अन्य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11‚500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता।
पर्यटन
- विष्णुपद मंदिर गलियारा‚ महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्यापक विकास।
- ओडिशा के मंदिरों‚ स्मारक‚ शिल्प‚ वन्यजीव अभयारण्य‚ प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता।
- प्राथमिकता 8: नवाचार‚ अनुसंधान और विकास
- मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड।
- वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पूल व्यवस्था।
- अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुना बढ़ाने पर निरंतर जोर देते हुए 1‚000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि।
- मोबाइल फोन‚ मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्बली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर मूलभूत सीमा शुल्क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
- सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया और प्लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया।
- लौह‚ निकेल और ब्लिस्टर तांबे पर मूलभूत सीमा शुल्क हटाया गया।
- लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर मूलभूत सीमा शुल्क हटाया गया।
- तांबा स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत रियायती मूलभूत सीमा शुल्क।
- रेजिस्टरों के विनिर्माण हेतु ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्क हटाया गया।
- अमोनियम नाइट्रेट पर मूलभूत सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया।
- पीवीसी फ्लैक्स बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया।
- विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरण के पी.सी.बी.ए. पर बीसीडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- घरेलू विमानन और नाव तथा जलयान के एमआरओ उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मरम्मत के लिए आयात की गई वस्तुओं के निर्यात के लिए समयावधि को छह महीनों से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव।
- वारंटी वाली वस्तुओं को मरम्मत के लिए पुन: आयात करने की समय-सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रस्ताव।
- सोलर सेल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर।
- कुछ ब्रूडस्टॉक‚ पॉलीकीट वॉर्म्स‚ श्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न कच्चे माल को भी सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।
- बत्तख या हंस से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव।
- स्पैन्डेक्स यार्न के विनिर्माण के लिए मिथाइलेन डाईफिनाइल डाईआईसोसाएनेट (एमडीआई) पर बीसीडी को कुछ शर्तों के साथ 7.5 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- करों को सरल बनाने‚ करदाता सेवाओं में सुधार करने‚ कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।
- सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर।
- वित्त वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स सरलीकृत कर व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने सरलीकृत कर व्यवस्था का लाभ उठाया।
- धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो-व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव।
- विभिन्न भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटाकर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जाएगा।
- म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त करने का प्रस्ताव।
- ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणी फाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव।
- किसी कर निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन से पांच वर्षों के बाद किसी कर निर्धारण को नए सिरे से केवल तभी खोला जा सकेगा‚ जब कर से छूट प्राप्त आय 50 लाख या उससे अधिक हो।
- सर्च मामलों में समय सीमा को दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव।
- कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में लघु अवधि के लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगेगा।
- सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घ अवधि के लाभों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।
- परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव।
- सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन सम्मिलित हैं‚ को अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा।
- अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना‚ 2024 का प्रस्ताव।
- टैक्स अधिकरणों‚ उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों‚ उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमश: 60 लाख रुपये‚ 2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
- अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी को कम करने और निश्चितता प्रदान करने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार।
- स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव।
- भारत में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रस्ताव।
- देश में अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हार्बर दरों का प्रावधान।
- विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमश: 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- प्राप्तकर्ता के द्वारा शेयरों की पुन: खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगेगा।
- एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- 20 लाख रूपये तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर-दांडिक बनाने का प्रस्ताव।
वित्त विधेयक के अन्य प्रमुख प्रस्ताव
2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस।
- नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव
- वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50‚000 रुपये से बढ़ाकर 75‚000 रुपये करने का प्रस्ताव।
- पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15‚000 रुपये से बढ़ाकर 25‚000 रुपये करने का प्रस्ताव।
कर दरों का संशोधित संरचना:
0-3 लाख रुपये- शून्य
3-7 लाख रुपये -5 प्रतिशत
7-10 लाख रुपये -10 प्रतिशत
10-12 लाख रुपये -15 प्रतिशत
12-15 लाख रुपये- 20 प्रतिशत
15 लाख रुपये से अधिक -30 प्रतिशत
लेखक -विवेक त्रिपाठी
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